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Saiyaara: जूही बब्बर के नाटक सईयारा ने हर दिल में बनाई जगह, कभी मुस्कुराए, तो कभी हुए भावुक, आगरा में हुआ शो

Juhi Babbar Play स्पाइसी शुगर व अशोक ग्रुप ने किया सूसदन में कार्यक्रम जूही बब्बर द्वारा निर्देशित व लिखित नाटक का 40वां मंचन। जूही ने अभिनय की दुनिया से लंबा ब्रेक लिया था। डेढ़ वर्ष में उन्होंने दो फिल्में वेब सीरीज व शार्ट फिल्म की।

By Sandeep KumarEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 10 Dec 2022 10:08 AM (IST)Updated: Sat, 10 Dec 2022 10:08 AM (IST)
Saiyaara: जूही बब्बर के नाटक सईयारा ने हर दिल में बनाई जगह, कभी मुस्कुराए, तो कभी हुए भावुक, आगरा में हुआ शो
Juhi Babbar Play: नाटक सईयारा लिखा और उसे निर्देशित किया।

आगरा, जारगण, संवाददाता। सईयारा अली, साईं और अली की प्रार्थना और दुआओं से शादी के सात वर्ष बाद पैदा हुई प्यारी जूही की कली है। उसकी अम्मी उसके लिए हमेशा गाती हैं कि जूही की कली मेरी लाड़ली...जो सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला रखती है, गलत फैसलों पर गलती स्वीकारने की भी हिम्मत उसमें है। वह अपने बगीचे में लगे पेड़-पौधों, तितलियों और चिड़ियों से बात करती है लेकिन वहां आने वाले गिरगिट उसे पसंद नहीं, क्योंकि वह इंसानों की तरह रंग बदलते हैं होते हैं। शुक्रवार को सूरसदन में जब जूही बब्बर द्वारा लिखित, निर्देशित सईयारा नाटक के मंचन हुआ, तो दर्शक कभी मुस्कुराते, तो कभी भावुक नजर आए।

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नाटक सईयारा की ये है कहानी

सईयारा एक ऐसी मुस्लिम महिला की कहानी है जो आज की आधुनिक, पढ़ी लिखी और ऊंची सोच की भारतीय महिला है। बावजूद इसके दो बार तलाक का शिकार हो चुकी है। एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी पति की फटकार और पिटाई सहती है। दर्शकों में बैठी हर महिला ने कहीं न कहीं किसी रूप में खुद की झलक उसमें पाई। कलाकारों ने अपने अभिनय से कभी दर्शकों की आंखों को नम कर दिया, तो कभी उनके होठों पर खिलखिलाहट बिखेरी नजर आई।

हकीकत नहीं देखता कोई

सईयारा का किरदार अभिनेत्री व रंगमंच कलाकार जूबी बब्बर ने निभाया। नाटक के अंत में संदेश दिया कि बात मर्द और औरत की नहीं, कुछ अच्छे मर्द भी सईयारा के जीवन में हैं। बात सोच और नजरिए की है। सईयारा का पहला प्रेम विवाह 20 वर्ष की उम्र में 24 वर्ष बड़े प्रो. बख्शी से हुआ। एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी वह पति से पिटी। जो दिखाता है कि हर व्यक्ति आगे बढ़ने और सफल होने की बात करता है, लेकिन धारावाहिकों में महिला पर अत्याचार ही दिखाते हैं। नारी का हमेशा अबला रूप ही दिखाया जाता है, जो सच है, उसे कोई देखना नहीं चाहता।

अभिनय देख बंधे दर्शक

लगभग डेढ़ घंटे के नाटक में कलाकारों ने अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। नेहा शेख ने सईयारा की हाउस मेड बीना दी, हरजीत ने सईयारा के मैनेजर और अचिंत ने माखा का किरदार निभाया। तकनीकी निर्देशन रवि मिश्रा, आडियो विजुअल लाइट डिजायनर आकाश चौधरी और प्रोडक्शन मैनेजर अनुश्री भगंड थीं।

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नाटक की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रदेश कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने किया। स्पाइसी शुगर संस्था की अध्यक्ष पूनम सचदेवा, अशोक ग्रुप की डा. रंजना बंसल, डीएम नवनीत चहल, एडीए सचिव गरिमा यादव, पूरन डावर, वाइके गुप्ता, चंद्र सचदेवा, बबिता चौहान आदि मौजूद रहीं। संचालन श्रुति सिन्हा ने किया। 


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