आगरा में JCB के पहिए के नीचे कुचली 14 महीने की बच्ची, ड्राइवर सुन रहा था गाने, 6 महीने पहले हुई थी बेटे की मौत
Agra Latest News In Hindi जेसीबी से कुचलकर बच्ची की मौत हो गयी। दुर्घटना के बाद चालक जेसीबी को छोड़कर भाग गया। स्वजन ठेकेदार सुनील के साथ खुशी को पास के अस्पताल में लेकर गए। डाक्टरों ने बच्ची को एसएन इमरजेंसी रेफर कर दिया। वहां डाक्टरों ने अबोध को मृत घोषित कर दिया। बच्ची के स्वजन और श्रमिकों में आक्रोशित होकर हंगामा शुरू कर दिया।

जागरण संवादाता, आगरा। आगरा में ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र के शाहदरा में रविवार सुबह दर्दनाक हादसा हुआ। तेज आवाज में गाने सुनते चालक को जेसीबी के पीछे खेलते बच्चों का शोर नहीं सुनाई दिया। गानों सुनने में मस्त चालक ने जेसीबी को बैक किया, पीछे खेलती 14 महीने की अबोध बच्ची खुशी पहियाें के नीचे दब गई।
पिछले टायर बच्ची के ऊपर से निकल गए। स्वजन अबोध को पास के अस्पताल लेकर, वहां उसे मृत घोषित कर दिया। अबोध की मृत्य से आक्रोशित दंपती और श्रमिकों ने हंगामा कर दिया। दुर्घटना के बाद चालक जेसीबी छोड़कर भाग गया।पुलिस ने जेसीबी को कब्जे में ले लिया।
परिवार करता है मजदूरी
घटना रविवार सुबह 10 बजे की है। गांव समथर झांसी के रहने वाले रामू उनकी पत्नी रेखा समेत परिवार के आधा दर्जन सदस्य मजदूरी करते हैं। शाहदरा में एक भूखंड की चहारदीवारी और समतल करने का कार्य चल रहा है। रामू और रेखा समेत अन्य परिवार के छह बच्चे भूखंड में खेल रहे थे।
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दंपती और अन्य श्रमिकों ने बताया कि भूखंड समतल करती जेसीबी में लगे म्यूजिक सिस्टम पर चालक तेज आवाज में गाने सुन रहा था। चालक ने जेसीबी के पीछे खेलते बच्चों की ध्यान नहीं दिया।
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चालक सुन रहा था गाने
चालक ने जेसीबी को बैक किया, इस पर वहां खेलते अन्य बच्चे भाग गए। मगर, 14 महीने की अबोध खुशी नहीं हट सकी। तेज आवाज में गाने सुनते चालक ने जेसीबी का पिछला पहिया अबोध पर चढ़ा दिया। दृश्य देख वहां काम करते श्रमिक शोर मचाते हुए अबोध को बचाने के लिए दौड़े, तब तक वह पहियों के नीचे दब चुकी थी। अबोध के सिर और पैर पर से पहिए निकल गए।
गाने नहीं सुनता तो बच जाती जान
स्वजन का आरोप था कि चालक तेज आवाज में गाने नहीं सुन रहा होता तो उसे बच्चों का शोर सुनाई दे जाता।चालक की लापरवाही ने अबोध की जान ले ली। थानाध्यक्ष ट्रांस यमुना सुमनेश विकल ने बताया कि जेसीबी को कब्जे में ले लिया है। चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
छह महीने पहले बेटे की हुई थी मौत
मां रेखा ने अबोध बेटी को अपनी आंखों के सामने जेसीबी की चपेट में आते देखा था। वह चालक को आवाज लगा बेटी को बचाने के लिए भागी थी। तब तक जेसीबी अबोध को चपेट में ले चुकी थी। मां रेखा और पिता का रो रोकर बुरा हाल था। स्वजन ने बताया कि दंपती के तीन वर्षीय पुत्र की छह महीने पहले बीमारी से मौत हाे गई थी।

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