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    अजमेर शरीफ से आगरा आने लगे जायरीन, इस साल कैंप की जगह बदलने से हो रहे हैं परेशान

    By Ali Abbas Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 01:45 PM (IST)

    अजमेर से आगरा आने वाले जायरीन इस साल नए ठहराव स्थल को लेकर परेशान हैं। प्रशासन ने मेट्रो निर्माण के कारण कोठी मीना बाजार की जगह सराय ख्वाजा के पास मैद ...और पढ़ें

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    छलेसर पर पहुंचीं जायरीनों की बसें।

    जासं, आगरा। प्रशासन ने इस वर्ष अजमेर से आने वाले जायरीनों को ठहराने के स्थान में बदलाव तो कर दिया, लेकिन इसका उचित प्रसार-प्रसार नहीं किया। जिसके चलते हजारों जायरीनों को परेशान होना पड़ रहा है। वह सराय ख्वाजा की जगह हर बार की तरह कोठी मीना बाजार पहुंच रहे हैं। वहां पर चिकित्सा शिविर एवं ठंड से बचाव के इंतजाम नहीं होने से परेशान होकर वहां से भाग रहे हैं।

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    शहर में बसों के आने पर रोक के चलते वह इनर रिंग रोड पर ही कुछ घंटे विश्राम के बाद रवाना हो जा रहे हैं। अजमेर से आने वाले जायरीनों के ठहरने के लिए हर वर्ष कोठी मीना बाजार में व्यवस्था की जाती थी। हर वर्ष एक सप्ताह के दौरान तीन से चार लाख जायरीन फतेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर आते हैं।

    फतेहपुर सीकरी और कोठी मीना बाजार में उनके लिए व्यवस्था की जाती है। इस वर्ष मेट्रो के निर्माण और देश-विदेश के हजारों पर्यटकों के शहर में आने से जाम की स्थिति को देखते हुए 25 दिसंबर से एक जनवरी के दौरान जायरीनों को रोकने के लिए सराय ख्वाजा पुलिस चौकी के पास मैदान में कैंप बनाए गए थे।

    मगर, नगर निगम द्वारा स्थान बदलने का पहले कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। जानकारी के अभाव में चार दिन में एक दर्जन जायरीनों को एक दर्जन बसें ही वहां नए स्थान पर पहुंची।जबकि कोठी मीना बाजार पर रविवार को 80 से अधिक जायरीनों की बस पहुंची। यहां पर व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते वह कुछ घंटे बाद ही रवाना हो गए।

    इधर, शहर में बसों के प्रवेश नहीं होने के चलते जायरीनों की दर्जनों बस रविवार दोपहर हाईवे स्थित छलेसर पर खड़ी हो गई। जायरीनों ने वहीं पर भोजन किया, कुछ देर विश्राम करने के बाद अपने जिलों को रवाना हो गए।


    जायरीनों के लिए चिकित्सा शिविर और गैस हीटर की मांग

    वर्षो से जायरीनों के लिए भोजन और चाय की व्यवस्था करने वाली संस्था बज्म-ए-खुद्दाम ने गैस हीटर और चिकित्सा शिविर और गैस हीटर की मांग की है। संस्था के पदाधिकारी हाजी इलियास और जाहिद हुसैन ने बताया कि अस्थाई कैंप नहीं लगने से जायरीन भटक रहे हैं।

    कुछ चौराहों पर यातायात पुलिस द्वारा जायरीनों को सही जानकारी न देने पर वह शहर में आने रहे हैं। उन्हें हाईवे पर डेरा डालना पड़ रहा है। जायरीनाें के लिए व्यवस्था की मांग करने वालों में जमीलउद्दीन, मोहम्मद शादाब, करम इलाही आदि थे।