District Hospital Agra में 82 लाख से बनाई गई थी इंटीग्रेटेड लैब, दो महीने में नहीं हो पाई एक भी जांच
आगरा के जिला अस्पताल में 82 लाख की लागत से बनी इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब का उद्घाटन हुए दो महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है। मरीजों को कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की जांच के लिए प्राइवेट लैब में जाना पड़ रहा है। छत से पानी टपकने के कारण लैब की फॉल सीलिंग भी टूट गई है, जिससे मशीनें खराब होने का डर है।

जिला अस्पताल आगरा।
जागरण संवाददाता, आगरा। जिला अस्पताल के साथ ही 83 स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों की निशुल्क पैथोलाजी जांच के लिए 82 लाख से इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (IPHL) स्थापित की गई है। जिला अस्पताल में बनी लैब का इस वर्ष 24 सितंबर को उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक से लोकार्पण करा दिया गया।
मगर, लैब में अभी जांच नहीं हो रही है। मरीजों को कैंसर, ह्रदय सहित अन्य गंभीर बीमारियों की जांच एसएन मेडिकल कालेज और निजी लैब में करानी पड़ रही है। जिला अस्पताल में हीमोग्लोबिन, थायराइड, मलेरिया, डेंगू सहित अन्य जांच की सुविधा है। मगर, कैंसर, ह्रदय रोग, मधुमेह, हार्मोन की सभी तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जिले में 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और शहर और देहात सहित 75 स्वास्थ्य केंद्रों पर भी खून और पेशाब की ही सामान्य जांच होती हैं।
जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी में प्रति दिन इलाज के लिए पहुंचने वाले छह हजार से अधिक मरीजों की कैंसर, ह्रदय, लिवर, गुर्दा, हार्मोन सहित 120 तरह की निश्शुल्क जांच के लिए जिला अस्पताल के ओपीडी ब्लाक की तीसरी मंजिल पर 82 लाख की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) द्वारा इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब स्थापित की गई।
लैब का काम होने के बाद पता चला कि जिस कक्ष में लैब बनाई गई है उसकी छत से पानी टपकता है। इसलिए लैब में मशीन स्थापित होने पर खराब हो सकती हैं। इसके बाद भी 24 सितंबर को लैब का वर्चुअल लोकार्पण करा दिया गया।
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरके अरोरा ने बताया कि यूपीसीएलडीएफ को लैब शुरू करने के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है। जिला प्रशासन को भी पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक लैब शुरू नहीं हुई है।
लैब की फॉल सीलिंग जगह जगह टूटी
भवन की छत से पानी टपकने के कारण लैब में लगाई गई फॉल सीलिंग भी कई जगह से टूट गई है। कार्यदायी संस्था ने भी फॉल सीलिंग ठीक कराने और पानी टपकने की समस्या को ठीक कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके कारण लैब में जांच की सुविधा शुरू नहीं हो पा रही है।
ये हैं जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) द्वारा लैब स्थापित की गई है। यूपीसीएलडीएफ के अधिकारियों ने लैब का पूरा काम नहीं कराया। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरके अरोरा ने लोकार्पण से पहले लैब का काम पूरा न होने की जानकारी विभागीय अधिकारी और शासन को नहीं दी।

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