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    Indian Railway News: आगरा रेल मंडल में ट्रैक रहेंगे साफ−सुथरे, ट्रेनाें के सभी कोचाें में लगे बॉयाे टॉयलेट

    By amit dixitEdited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 15 Nov 2022 08:31 AM (IST)

    Indian Railway News ट्रेनों से ट्रैक पर नहीं गिरेगा मल ट्रैक को नहीं पहुंचेगा नुकसान। आगरा रेल मंडल के सभी कोच में बायो टायलेट लगाए गए। सामान्य फ्लश में 10 से 15 लीटर पानी की खपत इसमें आधा लीटर पानी में ही हो रहा है काम।

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    Indian Railway News: आगरा रेल मंडल में सभी ट्रेनाें में बॉयाे टॉयलेट लगाए जा चुके हैं।

    आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता की दिशा में रेलवे ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। ट्रेनों से अब मल नहीं गिरेगा। इससे ट्रैक को नुकसान नहीं पहुंचेगा और ट्रैक साफ रहेंगे। आगरा रेल मंडल के सभी कोच में बायो टायलेट लगाए गए हैं। बायो टायलेट के प्रयोग से हर दिन हजारों लीटर पानी की भी बचत होगी।

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    आगरा से गुजरती हैं हर दिन 180 ट्रेन

    आगरा रेल मंडल से होकर हर दिन 180 ट्रेनें गुजरती हैं। आमतौर पर ट्रेनों में सामान्य टायलेट का प्रयोग किया जाता था। इससे ट्रैक पर मल गिरता रहता था। ट्रैक को नुकसान पहुंचता था। गंदगी भी फैली रहती थी। जिसे देखते हुए रेलवे ने ढाई साल पूर्व ट्रेन के कोच में बायो टायलेट लगाने का निर्णय लिया था। आगरा रेल मंडल की सभी ट्रेनों में अब बायो टायलेट लग गए हैं।

    टैंक में छोड़ते हैं बैक्टीरिया

    मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर ने बताया कि सामान्य टायलेट के मुकाबले बायो टायलेट कहीं अच्छे हैं। टैंक में एरोबिक बैक्टीरिया छोड़ दिया जाता है। यह बैक्टीरिया माइनस पांच से अधिकतम 50 डिग्री से. के मध्य जीवित रहता है। इसकी खासियत यह है कि मल को यह पानी, मीथेन और कार्बन आक्साइड गैस में बदल देता है। सामान्यतौर पर एक फ्लश में दस से 15 लीटर पानी लगता है, जबकि बायो टायलेट में आधा लीटर पानी में यह कार्य हो जाता है।

    मल टैंक में रहता है। सिर्फ पानी ट्रैक पर टपकता रहता है। इससे ट्रैक को किसी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचता है। उन्होंने बताया कि ट्रैक भी गंदा नहीं रहता है। बायो टायलेट लगने से हर दिन हजारों लीटर पानी की भी बचत हो रही है। ट्रैक भी साफ रहेंगे।