Deepti Sharma: अब अपराधियों को 'क्लीन बोल्ड' करने का हुनर सीखेंगी दीप्ति शर्मा, डिप्टी एसपी की वर्दी पहनाई गई
भारतीय महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा का बचपन का सपना पूरा हुआ उन्हें मुरादाबाद में डिप्टी एसपी की वर्दी पहनाई गई। इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए कामनवेल्थ गेम्स 2023 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीता था जिसमें दीप्ति ने अहम भूमिका निभाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें सम्मानित करते हुए तीन करोड़ रुपये और डिप्टी एसपी का नियुक्ति पत्र सौंपा था।
जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा का पुलिस की वर्दी पहनने का सपना सोमवार को पूरा हो गया। दीप्ति बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनना चाहती थीं। मुरादाबाद में उन्हें डिप्टी एसपी की वर्दी दी गई। इस पर उनके स्वजन और आगरा के क्रिकेटरों ने खुशी जताई है। इंग्लैंड के बर्मिंघम में 2023 में हुए कामनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रजत पदक जीता था।
दीप्ति ने अपने आलराउंड प्रदर्शन से कई मुकाबलों में भारतीय टीम को जीत दिलाई थी। उप्र सरकार ने दीप्ति को सम्मानित करते हुए तीन करोड़ रुपये और डिप्टी एसपी का नियुक्ति पत्र सौंपा था।
मुरादाबाद में सोमवार को हुए समारोह में उन्हें डिप्टी एसपी की वर्दी मिली। हालांकि, उन्हें अभी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली थी। फील्ड पोस्टिंग एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद मिलती है। दीप्ति के साथ उनके पिता श्रीभगवान शर्मा, भाई सुमित शर्मा और प्रशांत शर्मा मुरादाबाद गए थे।
महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा को सोमवार को मुरादाबाद में डिप्टी एसपी की वर्दी मिली। उन्हें पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने नियुक्ति पत्र सौंपा था। सौजन्य स्वजन
सामान्य परिवार से आती हैं दीप्ति शर्मा
बता दें कि दीप्ति शर्मा आगरा के एक मामूली परिवार से हैं, जहां लड़कियों पर पांबदी लगाई जाती हैं, लेकिन फिर भी दीप्ति शर्मा ने अपने परिवार के आगे क्रिकेट खेलने की जिद्द रखी और उनकी एक जिद्द ने उनकी किस्मत ही पलट दी। दीप्ति को उनकी मेहनत के अलावा उनके भाई का खास सपोर्ट मिला। जब स्टेडियम में वे थीं तब उनके भाइ ने एक थ्रो करने के लिए कहा, जिस पर दीप्ति ने स्टंप की गिल्लियां बिखेर दी थीं। उसके बाद उन्होंने क्रिकेट खेलना सीखा।
नौ साल की उम्र के बाद अब महिला प्रीमियर लीग में भी बिखेरी अपनी चमक
9 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने से लेकर आज महिला प्रीमियर लीग में अपनी चमक बिखेरने तक दीप्ति का सफर आसान नहीं रहा। दीप्ति के पिता रेलवे में काम करते हैं। उन्हें बाद में माता-पिता दोनों का साथ मिला।
करियर की शुरुआत में की मध्यम गति की गेंदबाजी
बता दें कि करियर की शुरुआत में दीप्ति मध्यम गति की गेंदबाज थीं, लेकिन ऑफ स्पिन गेंदबाजी की तरफ शिफ्ट करना उनके लिए टर्निंग प्वाइंट रहा। वह गेंदबाज से स्पिन गेंदबाज बनीं और यूपी टीम के लिए उन्होंने अपना घातक प्रदर्शन दिखाकर हर किसी का दिल जीत लिया।
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