UP: पतियों से जरा सी खटपट, सूचना के अधिकार का प्रयाेग झटपट; आगरा में पतियों के खिलाफ सबसे अधिक सूचना के अधिकार का उपयोग
पत्नियों ने अपने प्रार्थना पत्र पर पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को लेकर सबसे ज्यादा सूचना के अधिकार का प्रयोग किया। मामले में पति भी पीछे नहीं हैं उन्होंने भी पत्नियों के खिलाफ अपनी शिकायत पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। पुलिस जन सूचना प्रकोष्ठ में आने वाले हर महीने करीब 200 लोग आवेदन करते हैं। इनमें करीब 25 प्रतिशत संख्या पत्नियों की है।

अली अब्बास, (जागरण संवाददाता), आगरा। आगरा कमिश्नरेट में पुलिस विभाग में सूचना के अधिकार का प्रयोग करने में पत्नियों की संख्या ज्यादा है। इस वर्ष एक जनवरी से 30 सितंबर के दौरान 800 से अधिक पत्नियों ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए। वहीं, एक हजार से अधिक मामले पुलिस में पतियों की शिकायत के पहुुचे। इनकी परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग की गई। अधिकांश मामलों में पति-पत्नी के बीच सुलह हाे गई।
केस एक: अलीगढ़ की रहने वाली महिला का पति पुलिस विभाग में आरक्षी है। आगरा में तैनात पति कई महीने से घर नहीं जा रहा था। पति से बात करती तो वह व्यवस्तता का बहाना देता था। पत्नी को शक हो गया, सूचना के अधिकार के तहत विभाग से जानकारी मांग ली कि पति किस थाने में तैनात है।
कब से अवकाश नहीं लिया है। वेतन आदि के बारे में पूछ लिया। पति को इसका पता चला तो उसने घर पहुंचकर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
केस दो: सदर की रहने वाली युवती की शादी को पांच महीने हुए थे। दोनों के बीच विवाद हो गया, मामला पुलिस और परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचा। सुलह नहीं होने पर पत्नी के प्रार्थना पत्र पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज हो गया। जबकि पति का कहना था कि उसने बिना दहेज के शादी की थी। पत्नी ने काउंसलिंग में क्या-क्या आरोप लगाए थे। इसकी प्रति हासिल करने को पति ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग ली।
महत्वपूर्ण तथ्य
- इस वर्ष एक जनवरी से 10 अक्टूबर तक 2500 से अधिक लोगों ने सूचना के अधिकार का प्रयाेग किया।इनमें 900 से अधिक आनलाइन सूचना का अधिकार मांगने वाले शामिल हैं।
- परिवार परामर्श केंद्र में आने वाले 70 प्रतिशत पति-पत्नी राजीनामा होने के बाद सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगते हैं। -इसका कारण दोनों द्वारा काउंसलिंग में एक दूसरे से जिन शर्तों पर राजीनामा किया गया, उसकी प्रति हासिल करना होता है। इससे कि भविष्य में यदि कोई एक अपनी बात से मुकर जाए तो दूसरे के पास इसका साक्ष्य रहे।
- पारिवारिक मामलों में सूचना के अधिकार का प्रयोग करने वाली महिलाओं में पत्नियों की संख्या अधिक है। वह पति के खिलाफ दिए गए प्रार्थना पत्रों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगती हैं।
- पतियों द्वारा सूचना के अधिकार का प्रयोग पत्नी ने क्या शिकायत की है, इसे जानने के लिए करते हैं।
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बोले विशेषज्ञ
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर डा. अमित गौर कहते हैं कि अधिकांश मामलों में काउंसलिंग के बाद राजीनामा हो जाता है। इसके बावजूद 70 प्रतिशत से अधिक पति-पत्नी राजीनामा में तय हुई शर्तों को जानने के लिए सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हैं।इससे कि जरूरत पड़ने पर वह इसे साक्ष्य के रूप में दिखा सकें।
सूचना का अधिकार मांगने वालों में पारिवारिक सदस्य भी शामिल हैं। पत्नियां भी पतियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर हुई कार्रवाई के बारे में जानने के लिए सूचना के अधिकार का प्रयोग करती हैं शिवराम यादव अपर पुलिस उपायुक्त प्रोटोकाल
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