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    Yamuna Expressway: टोल टैक्स बढ़ा-सुविधाएं नहीं, खतरों से भरा है यमुना एक्सप्रेस-वे का सफर; पड़ताल में मिलीं ये कमियां

    Updated: Tue, 09 Jul 2024 07:46 AM (IST)

    Yamuna Expressway News In Hindi जागरण की टीम ने यमुना एक्सप्रेस−वे पर 12 किलोमीटर तक संरक्षा की पड़ताल की। जिसमें बड़ी लापरवाही देखने को मिली। यहां कई जगहों पर क्रैश बैरियर टूटे पड़े हैं। करीब 22 दिन पहले आई आंधी से जो होर्डिंग्स उखड़ गए थे। वे आज भी नहीं उठाए गए हैं। यहां से हजारों गाड़ियां रोजाना निकलती है जिनकी जान को खतरा हो सकता है।

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    Yamuna Expressway: खंदौली में यमुना एक्सप्रेस-वे पर होर्डिंग्स भी टूटे पड़े हैं। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर साल सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर टोल टैक्स बढ़ा दिया जाता है, लेकिन सुविधाओं का अभाव है। वाहन चालकों की संरक्षा खतरे में है। कई जगहों पर क्रैश बैरियर टूटे पड़े हैं।

    तीन सप्ताह पूर्व आंधी में आधा दर्जन होर्डिंग्स उखड़ कर गिर गए थे। एक्सप्रेस-वे पर यह अभी तक पड़े हुए हैं। खंदौली टोल से 24 घंटे में 18 हजार वाहन गुजरते हैं। 40 लाख रुपये का टोल टैक्स मिलता है।

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    दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 12 किमी तक संरक्षा की पड़ताल की। टीम सबसे पहले कुबेरपुर पहुंची। यहां पर किमी नंबर 53 के पास स्थिति अच्छी नहीं मिली। एक होर्डिंग टूटा पड़ा हुआ था। यह तीन सप्ताह पूर्व आई आंधी में उखड़कर गिर पड़ा था। निगरानी के लिए गठित टीम ने इसे अभी तक नहीं उठाया। किमी नंबर 54 पर आगरा से नोएडा की तरफ क्रैश बैरियर टूटे हुए थे। संरक्षा के नजरिए से यह अच्छी बात नहीं है।

    जानवरों से हो सकता है हादसा

    भले ही एक्सप्रेस-वे ऊंचाई पर बना हो, लेकिन कुत्ता या फिर अन्य कोई भी जानवर चढ़कर आ सकता है। ऐसे में दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्रैश बैरियर से कुछ मीटर की दूरी पर एक के बाद एक तीन होर्डिंग्स टूटे हुए एक्सप्रेस-वे पर पड़े हुए थे।

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    किमी नंबर 55 पर भी कुछ यही स्थिति मिली। यहां पर दो होर्डिंग्स और क्रैश बैरियर टूटा हुआ मिला। सेवानिवृत्त इंजीनियर बीके चौहान का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे की संरक्षा से खिलवाड़ से वाहन चालकों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। इन्हें जल्द ठीक कराने की जरूरत है।

    चित्र में चार बालिकाओं की मृत्यु के बाद सोमवार तालाब के चारों तरफ फेंसिंग कर दी गई l

    वर्षा के चलते ठेकेदार होर्डिंग को नहीं उठा पा रहा है। जल्द ही यह कार्य कर लिया जाएगा। क्रैश बैरियर की भी जल्द मरम्मत कराई जाएगी। कई बार ग्रामीण इसे उखाड़कर ले गए हैं। तुलसीराम गुर्जर, सीनियर टोल मैनेजर, खंदौली प्लाजा

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    एक्सप्रेस-वे के किनारे एक और है मौत का तालाब

    यमुना एक्सप्रेस-वे के जिस तालाब में डूब कर चार बच्चियों की मृत्यु हुई थी। सोमवार को यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण की टीम ने कंटीले तार लगाकर घेराबंदी कर दी। इससे तालाब में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा, लेकिन राम नगर, खंदौली में आगरा से नोएडा की तरफ एक और तालाब है। यह तालाब भी वर्षा जल संचयन के लिए बनाया गया है। ऐसे में इस तालाब की भी तारबंदी होनी चाहिए।

    सेवानिवृत्त इंजीनियर बीके चौहान का कहना है वर्षा जल संचयन को लेकर स्पष्ट गाइड लाइन है। एक्सप्रेस-वे के किनारे अगर जल संचयन किया जा रहा है तो एक्सप्रेस-वे से नीचे की तरफ नाली बनाई जाएगी। जरूरत के हिसाब से दो या फिर तीन गहरी बोरिंग की जाएगी। गिट्टी डालकर वर्षा जल संचयन सिस्टम तैयार किया जाएगा।