Hariyali Teej पर गिरिराज जी महाराज ने अद्भुत दर्शन, स्वर्णिम श्रृंगार कर लिए चांदी के झूले में झोटे
Hariyali Teej हरियाली तीज को मुकुट मुखारविंद मंदिर पर अनूठा दर्पण का हिंडोला। गिरिराजजी महाराज के अद्भुत दर्शन के लिए लोग व्याकुल दिखे। हरियाली तीज पर हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे और अपने आराध्य के दर्शन किए। गोवर्धन गिरिराजजी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे भक्त

आगरा, जागरण टीम। अविचल पर्वतराज को झूला झुलाने की जिद ने भक्त को अनूठा झूला बनाने पर तो गिरिराजजी को भाव के झोटे से झूलने पर विवश कर दिया। अविचल को दर्पण वाले विशेष झूले में झूला झुलाया गया। चांदी के नक्काशी युक्त झूले में लगे दर्पण में गिरिराज जी को भाव के झोटे दिए गए।
अदभुत झूला किया तैयार
गिरिराजजी को झुलाने के लिए यह अद्भुत झूला तैयार कराया गया है। 60 किलो वजनी चांदी का ये झूला चार पाय (खंभे) पर टिका रहता है। मेहराब और पंख फैलाते मोर की नक्काशी बरबस ही भक्तों को आकर्षित कर लेती है। बीचों बीच विशाल दर्पण लगा है। इस झूले को मुखारविंद मंदिर में गिरिराज जी के विग्रह के समक्ष रखा गया। डोरी के जरिए भक्तों ने दर्पण को झुलाया, तो दर्पण के प्रतिबिंब में गिरिराजजी झूलते नजर आए। भक्त झोटे देकर खुद को सौभाग्यशाली मानते रहे।
दूध और रबड़ी से हुआ अभिषेक
सेवायत विष्णु भगवान, संजय शर्मा के अनुसार, प्रभु को झुलाने से पूर्व दूध और रबड़ी से अभिषेक किया गया है। झूला के आसपास प्राकृतिक सुंदरता के लिए पेड़ पौधा की झांकी लगाईं गई है। फव्वारों से गिरतीं बूंदों ने आभास आभाश कराया कि आसमान में काली घटाएं छाई हैं, फुहारें आ रही है, और भव्य झूले में प्रभु विराजमान होकर झोटे ले रहे हैं।
हरियाली तीज पर झूला झुलाने का उत्सव
पुजारी अर्जुन ने बताया कि गिरिराजजी को झुलाते समय प्रभु को स्वर्ण आभूषण धारण कराए गए हैं। रिसीवर उमाकांत चतुर्वेदी ने बताया कि स्वर्ण मुकुट और वांसुरी धारण कर पर्वतराज गोवर्धन को हरियाली तीज पर भाव का झूला झुलाने का उत्सव मनाया गया है।
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