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    सात अजूबों में शामिल खूबसूरत ताजमहल में पर्यटक ने देखा कुछ ऐसा, तो शर्म से पानी-पानी हुए गाइड, टूरिस्ट ने दी प्रबंधन को नसीहत

    Taj Mahal Agra Latest News In Hindi खूबसूरत ताजमहल के सफेद संगमरमर पर हरे धब्बे लग रहे हैं। ये दाम यमुना की गंदगी में पनपे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस से आते हैं। रविवार को पर्यटक को गाइड स्मारक घुमा रहा था उसी दौरान उसने धब्बे के बारे में जानकारी ली। गाइड ने उन्हें कारण बताया तो पर्यटक ने कहा कि यमुना में गंदगी साफ करनी चाहिए।

    By Nirlosh Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 14 Apr 2024 07:50 PM (IST)
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    Taj Mahal Agra; ताजमहल में फिर नजर आने लगे दाग

    जागरण संवाददाता, आगरा। शाहजहां ने ताजमहल के निर्माण को जिस यमुना के मनोरम तट को चुना था, आज वहीं स्मारक की धवल सुंदरता के लिए खतरा बनती जा रही है। ताजमहल की दीवार पर हो रही पच्चीकारी पर यमुना में पनपने वाले कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस के दाग एक बार फिर नजर आ रहे हैं।

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    नदी में सीधे गिर रहे 61 नालों से पहुंच रही गंदगी इसकी मुख्य वजह है। गोल्डीकाइरोनोमस गंदगी में ही पनपता है। नदी की दशा में सुधार को जिम्मेदार विभागों ने आज तक इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए हैं।

    मुख्य मकबरे में कब्रें देखने जाते हैं पर्यटक

    ताजमहल में मुख्य मकबरे में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रें देखने के बाद पर्यटक यमुना किनारा की तरफ स्थित गेट से बाहर आते हैं। इस गेट के बाईं तरफ स्थित दीवार पर हो रही पच्चीकारी में बने फूलों के ऊपर हरे व भूरे रंग की गंदगी के दाग नजर आ रहे हैं। एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्सुद्दीन ने बताया कि शनिवार को वह पर्यटक को ताजमहल का भ्रमण करा रहे थे।

    धब्बों के बारे में पर्यटक ने पूछा

    पर्यटक ने उनसे पच्चीकारी में बने फूलाें के ऊपर लगे धब्बों के बारे में पूछा। पर्यटक को उन्होंने बताया कि यमुना में अत्यधिक गंदगी की वजह से पनपने वाले कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस की वजह से यह दाग लगे हैं। एएसआइ को यहां सफाई करानी चाहिए, जिससे कि ताजमहल की सुंदरता प्रभावित नहीं हो।

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    अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि रसायन शाखा द्वारा कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी साफ की जाती है। दीवार पर लगे धब्बों को साफ करा दिया जाएगा।

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    2015 में पहली बार दिखे थे दाग

    संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति की सिफारिश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रसायन शाखा ने वर्ष 2015 में ताजमहल में मडपैक कराया था। वर्षा के बाद ताजमहल की दीवार पर हरे रंग के दाग लग गए थे। अध्ययन के बाद रसायन शाखा ने गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़ी गई गंदगी के वर्षा के पानी के साथ बहने पर दाग लगने की बात कही थी।