आगरा, जागरण टीम। आगरा के सिकंदरा हाईवे पर शेरजंग दरगाह के पास पुलिसकर्मी बनकर युवक को जबरन ले जाने का प्रयास करते कार सवारों को लोगों ने घेर लिया। वह युवक का वारंट बताकर उसे जबरन ले जाने का प्रयास कर रहे थे। लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया। यह देख खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले कार सवार भाग गए।
जड़ी-बूटियां बेचता है युवक
गांव मौसिमपुर मवई, जिला संभल निवासी ब्रजेश जड़ी-बूटियां बेचता है। सिकंदरा हाईवे पर शेरजंग दरगाह के पास सड़क किनारे टेंट में पत्नी अन्नू के साथ रहते हैं। पास में ही उनके ससुर मनवीर सिंह निवासी गांव तातपुर, संभल भी रहते हैं। ससुर भी ब्रजेश के साथ जड़ी-बूटियां बेचने का काम करते हैं। सोमवार की रात को ब्रजेश सिकंदरा थाने पहुंचे। पुलिस को बताया कि दोपहर में उनके पास कार सवार चार-पांच लोग आए। एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। वर्दी वाले ने कहा कि उनका वारंट है।
वारंट दिखाने के लिए कहा
ब्रजेश के अनुसार, उन्होंने अपना वारंट दिखाने की कहा। वह नहीं दिखा सका। उससे आइडी दिखाने की कहा। वर्दी वाले ने वह भी नहीं दिखाई तो उन्हें शक हो गया। इस बीच युवक उन्हें जबरन कार में डालकर ले जाने लगे। तब तक मनवीर और आसपास के लोग वहां एकत्रित हो गए। उन्होंने कार को घेर लिया। लोगों की कार सवारों के साथ खींचतान होने लगी। वर्दी पहने युवक का बैच उनके हाथ में आ गया। इस बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया। यह देख पुलिस बताने वाला युवक और उसके साथी वहां भाग निकले।
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इसलिए हुआ शक
ब्रजेश ने पुलिस को बताया कि पौने दो वर्ष पहले उनके ससुर मनवीर ने अलीगढ़ में धनीपुर मंडी के पास तंबू लगा रखा था। मनवीर को कार सवार इसी अंदाज में उठा ले गए थे। उनसे दस लाख रुपये फिरौती मांगी। स्वजन ने डेढ़ लाख रुपये दिए थे। जिसके बाद आरोपितों ने उनके ससुर को छोड़ा था। कार सवार जब इसी अंदाज में उन्हें ले जाने आए तो शक हो गया।