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    'आओ विकास की खिड़की खोलें' में खुलकर सामने आया कांच उद्यमियों का दर्द, बोले - 'बहुत जरूरत है मदद की'

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 09:44 AM (IST)

    दैनिक जागरण के विमर्श में फिरोजाबाद के कांच उद्यमियों ने टीटीजेड की बंदिशों भूमि की कमी और उच्च जीएसटी जैसे मुद्दे उठाए। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाधान का आश्वासन दिया। उद्यमियों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और टैरिफ की मार पर भी चिंता जताई। बेबीरानी मौर्य ने स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया जबकि उद्यमियों ने सस्ती गैस और कम जीएसटी की मांग की जिससे कांच उद्योग को बढ़ावा मिल सके।

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    दैनिक जागरण द्वारा आयोजित विमर्श 'आओ विकास की खिड़की खोलें' में

    जागरण संवाददाता, आगरा। दैनिक जागरण द्वारा आयोजित विमर्श 'आओ विकास की खिड़की खोलें' में मंगलवार को फिरोजाबाद के कांच उद्यमियों का दर्द खुलकर सामने आया। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में लागू पाबंदियों, उद्योगों की स्थापना को भूमि उपलब्ध नहीं होने, अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्विता, गैस पर अन्य प्रदेशों के बजाय अधिक कर लागू होने, कांच उत्पादों पर अधिक जीएसटी लागू होने, अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ की मार की पीड़ा कांच उद्यमियों ने बताई। प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं प्रोत्साहन निर्यात मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिलाया।

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    टीटीजेड की बंदिशों, जीएसटी, टैरिफ, प्रतिद्वंद्विता की समस्या उद्यमियों ने रखी

    दैनिक जागरण द्वारा आयोजित विमर्श के अंतिम सत्र 'उद्योग: औद्योगिक विकास एवं निर्यात संवर्द्धन' में आए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उद्यमियों की समस्याओं को धैर्य से सुना। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार वैश्विक निवेश को आकर्षित करने और परंपरागत शिल्प को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आठ वर्षाें में प्रदेश में औद्योगिक विकास हुआ है। उप्र की पहचान ग्रोथ इंजन के रूप में बनी है।

    मंत्री ने कहा, कि कांच इकाइयों को मिल रही गैस पर 10 प्रतिशत वैट लागू होने पर कहा कि हवाई जहाज के ईंधन पर कर को घटाकर उन्होंने एक प्रतिशत करा दिया था। इससे हमें अधिक फ्लाइट मिलीं, जिससे प्रदेश का राजस्व बढ़ गया। अन्य प्रदेशों पर गैस पर कम वैट का अध्ययन कराकर सस्ती गैस दिलाने का प्रयास करेंगे। निर्यात को प्रोत्साहन देने को इंटरनेशनल ट्रेड शो शुरू किया गया था। इसके तीसरे आयोजन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसमें 75 जिलाें के निर्यातकों को बुलाया गया है। इस बार यह नए कीर्तिमान रचेगा।

    दैनिक जागरण ने किया विमर्श 'आओ विकास की खिड़की खोलें' का आयोजन

    इससे पूर्व सत्र को माडरेट करते हुए दैनिक जागरण आगरा-अलीगढ़ के संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने कहा कि टीटीजेड में नए उद्योगों की स्थापना पर सुप्रीम कोर्ट ने एक वर्ष पूर्व राेक लगाई थी। पूर्वांचल में उद्योग बढ़ रहे हैं, लेकिन यहां ठहर से गए हैं।

    नीरी, फिरोजाबाद के कांच उद्योग का ताजमहल पर प्रभाव का अध्ययन नहीं कर सकी है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट में उचित पैरवी कर यहां उद्योगों पर लागू रोक को हटवाना चाहिए। कार्यक्रम में दैनिक जागरण आगरा के महाप्रबंधक अखिल भटनागर, वरिष्ठ विज्ञापन प्रबंधक रमेश यादव आदि मौजूद रहे।

    स्वदेशी अपनाने से आंख दिखाने वाले बड़े देशों को मिलेगा सबक: बेबीरानी

    कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य ने कहा कि फिराेजाबाद से उनका पुराना नाता है। शहर दुनिया भर में सुहाग की निशानी कांच की चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। उद्यमी व जनता जीएसटी को दोषरहित बनाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताएं।

    प्रधानमंत्री ने इसमें बच्चों, किसानों, युवाओं, महिलाओं व उद्यमियों का ध्यान रख्रा है। इससे करीब 48 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। उन्होंने स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे भारतीय बाजार में बहार आएगी। उन बड़े देशों को भी सबक मिलेगा जो आंखें दिखाते हैं। इससे महिलाओं का भी आर्थिक सशक्तीकरण होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि नारी सशक्त तो परिवार सशक्त, परिवार सशक्त होगा तो राष्ट्र भी सशक्त होगा।

    अपने दम पर पाया मुकाम: असीजा

    फिरोजाबाद के विधायक मनीष् असीजा ने कहा कि ताजमहल पर प्रदूषण के लिए आगरा व फिरोजाबाद के उद्योगों को जिम्मेदार ठहराकर बंद करा दिया गया। कोयले से गैस पर शिफ्ट हुए फिरोजाबाद के कांच उद्यमियों ने सरकारी सहायता के बगैर अपने दम पर नवाचार कर देश-दुनिया में नाम कमाया है। अमेरिका के टैरिफ वार से इन दिनों संकट है। कांच उद्यमियों ने यूरोप, रूस, टर्की, जापान आदि देशों में निर्यात के अवसर तलाशना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो काम केंद्र सरकार कर रही है, उसी तरह दूसरे बाजार तलाशने का संकल्प कांच उद्यमियों ने लिया है।

    चूड़ी की जुड़ाई करने वालों काे मिले सस्ती गैस

    ग्लास सिंडिकेट के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद गर्ग ने कहा कि चूड़ी कारखाना कम पूंजी निवेश में अधिक लोगों को रोजगार देने वाला उद्योग है। पाट हाथ से बनते हैं, फर्नेस पर रखने की वजह से उनकी लाइफ अधिक नहीं है। पाट डवलपमेंट को सरकार अच्छी तकनीक विकसित करे। चूड़ी कटाई का काम हाथ से होता है, इसके लिए मशीन बनाई जाएगी। चूड़ी जुड़ाई का काम करने वालों को सस्ती दर पर गैस मिले। महंगाई बढ़ने से महिलाएं कम चूड़ियां पहनने लगी हैं।

    बोरोसिल ग्लास बनाने को उपलब्ध कराई जाए जगह

    ग्लास एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश बंसल टोनी ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के करोड़ों रुपये के एमओयू हुए थे। सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। 2022-23, 2023-24 में बिक्री कम हुई है। सरकार उद्योगों को सुविधाएं व भूमि उपलब्ध नहीं कराएगी तो समय तेजी से बीतेगा और अवसर हाथ से निकल जाएंगे। हम बोरोसिल ग्लास बना सकते हैं, जगह उपलब्ध कराई जाए। निर्यात कारोबार में प्रतिद्वंद्विता अधिक है और रा मैटेरियल विदेश से आयात किए जाने पर इंपोर्ट ड्यूटी लगती है।

    कांच उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी बहुत अधिक

    कांच उद्यमी संजय अग्रवाल ने कहा कि कांच उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी बहुत अधिक है। सिरेमिक के उत्पादों पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगाई गई थी। इसे पहले घटाकर 12 और फिर पांच प्रतिशत कर दिया गया। परंपरागत माउथ ब्लोइंग तकनीक से बनने वाले कांच उत्पादों पर जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए। गैस पर लागू 10 प्रतिशत वैट को अन्य प्रदेशों के समान कम किया जाना चाहिए, जिससे कांच उद्योग को सस्ती गैस मिल सके।ञ

    भारत का त्योहार, भारत का उपहार

    निर्यातक हेमंत अग्रवाल बल्लू ने कहा कि फेस्टिव सीजन के दो माह में गिफ्ट हैंपर का कारोबार साल के 10 माह से अधिक होता है। सरकार आयात को कम करना चाहती है। इसलिए सरकार को भारत का त्योहार, भारत का उपहार टैग लाइन को अपनाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इस सुझाव को सराहा।