Agra News: गोल्डन आवर में तड़पती रही फ्रांसीसी महिला पर्यटक, दम तोड़ गई ऐतिहासिक स्मारक में व्यवस्था
फतेहपुर सीकरी में हुई दुर्घटना में फ्रांसीसी पर्यटक की जान बचाने के लिए गोल्डन आवर था लेकिन सिस्टम की उदासीनता के चलते ऐसा नहीं हुआ। दुर्घटना होने के ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। हादसे के बाद जान बचाने के लिए गोल्डन आवर (हादसे के बाद का पहला घंटा) में एंबुलेंस से मरीज को ग्रीन कारिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया जाता है। बेसिक लाइफ सपोर्ट दी जाती है। फतेहपुर सीकरी में रेलिंग टूटने से सात फीट ऊंचाई से गिरी फ्रांसीसी पर्यटक तड़पती रही और गोल्डन आवर बीत गया। एएसआइ की व्यवस्थाएं दम तोड़ती नजर आईं, जिसके बाद सवाल खड़े होने लगे हैं।
यह है मामला
घटनाक्रम के अनुसार गुरुवार दोपहर 1.30 बजे तुर्की सुल्ताना महल में रेलिंग टूटने से तीन फ्रांसीसी पर्यटक गिरे। दो को मामूली चोट थी, लेकिन 61 वर्षीय एस्मा गंभीर घायल थी। सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी ने 108 नंबर एंबुलेंस पर काल की। स्मारक से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित सीएचसी को कोई मैसेज नहीं दिया गया। न ही बेसिक लाइफ सपोर्ट भी नहीं दिया गया। पुलिस पहुंची, लेकिन तमाशबीन बनी रही। एंबुलेंस को पहुंचने में 30 मिनट लगे। इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (टीएमटी) ने ब्लड प्रेशर चेक किया लेकिन ब्लड प्रेशर नहीं आ रहा था। ऐसी स्थिति में तत्काल सीएचसी पर ले जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
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रास्ते में थे कई निजी अस्पताल, नहीं रोकी एंबुलेंस
पर्यटक 38 किलोमीटर दूर एसएन मेडिकल कालेज के लिए ले गए। रास्ते में अर्जुन नगर में कई निजी अस्पताल थे लेकिन वहां एंबुलेंस नहीं रोकी। डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस एसएन इमरजेंसी पहुंची, जहां साथी पर्यटकों ने इलाज कराने से इनकार कर दिया। निजी अस्पताल में ले जाने के लिए कहा, टीएमटी और एंबुलेंस के चालक ने इमरजेंसी में सूचना नहीं दी, जिससे डाक्टर एंबुलेंस में ही पर्यटक को चेक कर लेते। एंबुलेंस चालक ने हठधर्मिता दिखाते हुए निजी अस्पताल में जाने से इनकार कर दिया। पर्यटकों के साथ आए गाइड ने एक हजार रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस की और 3.30 बजे रेनबो उजाला सिग्नस हास्पिटल लेकर पहुंचे। यहां पर्यटक को भर्ती किया गया, डाक्टर ने जांच कर बताया कि मौत हो चुकी है।
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ये कैसी व्यवस्था
1.37 बजे- सुरक्षा एजेंसी के जवान राम गोविंद ने 108 नंबर पर काल की
1.39 बजे -एंबुलेंस को मौके पर पहुंचने का टास्क दिया गया
2.04 बजे -15 किलोमीटर की दूरी से एंबुलेंस मौके पर पहुंची
3.04 बजे- एंबुलेंस एसएन मेडिकल कालेज की इमरजेंसी पहुंची
3.30 बजे- रेनबो उजाला सिग्नस हास्पिटल में मरीज को भर्ती कराया
एक-एक मिनट कीमती, डाक्टर रहते हैं तैयार: डा. आरसी मिश्रा
वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डा. आरसी मिश्रा ने बताया कि हादसे के बाद हर मिनट कीमती होता है। जितनी जल्दी प्री हास्पिटल केयर मिल जाए। मरीज की जान बचाई जा सकती है। मौके से ही अस्पताल को सूचना दी जाती है जिससे वहां सीटी स्कैन करने की तैयारी कर ली जाए, डाक्टर की टीम तैयार रहे। मरीज के पहुंचते ही इलाज दिया जा सके।
आम जन भी दे सकते हैं बेसिक लाइफ सपोर्ट: डा. रनवीर त्यागी
इंडियन सोसाइटी आफ क्रिटिकल मेडिसिन केयर के सचिव डा. रनवीर त्यागी ने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण सभी को लेना चाहिए। जिससे हादसे के बाद घायल को मौके पर ही लाइफ सपोर्ट दी जा सके। गले में रुकावट से मरीज की सांस रुक जाती है, रुकावट को हटाया जा सकता है। सर्वाइकल इंजरी है तो मरीज को हिलाना नहीं चाहिए और सुरक्षित अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि सीएचसी पर कोई सूचना नहीं दी गई, जबकि सीएचसी पर डाक्टर भी थे। एंबुलेंस को पहुंचने में 30 मिनट लगे। इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि इमरजेंसी में पर्यटक को अंदर नहीं लेकर गए, पहले से भी कोई सूचना नहीं दी गई। जिससे टीम को तैयार रखा जा सके। मरीज को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए।
पश्चिमी जोन के डीसीपी सोनम कुमार ने कहा कि स्मारक परिसर में ड्यूटी एएसआइ की रहती है। पुलिस एएसआइ की सूचना पर पहुंची थी। अगर वहां किसी स्तर पर लापरवाही हुई तो वह जांच में सामने आ जाएगी। एसीपी अछनेरा को जांच दी गई है।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने कहा कि फतेहपुर सीकरी स्मारक में गुरुवार को फ्रांसीसी पर्यटक के साथ हादसा होने पर एएसआइ स्टाफ ने उसे अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था कराई। स्टाफ द्वारा सूचना देने पर सिकंदरा के संरक्षण सहायक को पर्यटकों की सहायता के लिए आगरा के रेनबो अस्पताल भेजा गया। संरक्षण सहायक ने पर्यटक की मृत्यु होने की जानकारी दी।

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