कर से कसैला हो रहा आगरा के मशहूर पेठे का स्वाद, ध्यान दीजिए सरकार Agra News
पेठा उद्योग बचाने को ज्योग्राफिकल इंडीकेशन में किया जाए रजिस्टर। लंबे समय से फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की उठ रही मांग।
आगरा, जागरण संवाददाता। पेठा आगरा की पहचान से जुड़ी परंपरागत मिठाई है। आज भी इससे सस्ती और स्वादिष्ट दूसरी मिठाई नहीं। मगर, सरकार की बेरुखी से अब पेठा कारोबार से जुड़े लोगों की हालत खराब है। पेठा व्यवसायियों की मांग है कि कृषि उत्पाद होने के चलते इसे कर से मुक्त किया जाना चाहिए। शुक्रवार को दैनिक जागरण के 'बाजार में सन्नाटा क्यों है' विषय पर अयोजित विचार मंथन में यह बात उभर कर आई।
पेठा कारोबारियों का कहना है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन की बेरुखी से आज आगरा का पेठा उद्योग बाहर चला गया है। पेठे पर पांच फीसद जीएसटी है। सरकार को इसे कर मुक्त करना चाहिए, जिससे कच्चे पेठे की खेती करने वाले किसान और इससे जुड़े व्यापारियों को राहत मिल सके। इसके अलावा पेठा उद्योग को बढ़ाने के लिए सरकार को मदद करनी चाहिए। ताजमहल की तरह पेठा भी विश्व प्रसिद्ध है। पेठे की नई वैरायटी तैयार करने और इसको लंबे समय तक खाने योग्य बनाए रखने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाए। इसकी मांग भी लंबे समय से उठाई जा रही है।
ज्योग्राफिकल इंडीकेशन में शामिल किया जाए
पेठे की आगरा के नाम से पहचान है। मगर, आज कई शहरों में पेठा बनाया जाता है, लेकिन बेचा आगरा के नाम से जाता है। पेठा कारोबारियों की मांग है कि सरकार पेठा को ज्योग्राफिकल इंडीकेशन (जीआइ) टैग में शामिल करे, जिससे कोई और इसे आगरा के नाम से न बेच सके। 2009 में इसके लिए प्रस्ताव बना भी था, लेकिन आगे नहीं बढ़ सका।
यह है स्थिति
- कच्चे पेठा की आढ़त - 20
- पेठा बनाने वाली इकाइयां - 500
- पेठा बेचने वाली दुकानें - 2000
- पेठा कारोबार से जुड़े मजदूर - 20 हजार
सरकार को पेठा उद्योग बचाने के लिए आगे आना चाहिए। यह आगरा का कुटीर उद्योग है। हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। भविष्य में और रोजगार के अवसर पैदा हों, इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगनी चाहिए।
-राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष, पेठा कुटीर उद्योग एसोसिएशन,
वर्तमान में पेठा उद्योग की स्थिति खराब है। इससे किसानों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। सुविधाएं देने के साथ टैक्स मुक्त कर ही इस स्थिति से उद्योग को निकाला जा सकता है।
-सोनू मित्तल, पेठा कारोबारी
पेठा कारोबारियों पर आए दिन कोई न कोई कार्रवाई होती रहती है, इससे परेशान होकर भी कई इकाइयां बंद हो गई हैं। अधिकारियों की गलती के चलते व्यापारियों को परेशान होना पड़ता है।
-सुनील सिंघल, पेठा कारोबारी
मुख्यमंत्री ने एक जिला एक उत्पाद में पेठा को शामिल करने की बात कही थी, लेकिन घोषणा के बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। पेठा उद्योग को टैक्स मुक्त किया जाना चाहिए।
-रीतेश शर्मा, पेठा कारोबारी
आगरा के नाम से पेठा बिकता है। अब कई शहरों में पेठा बनाकर आगरा के नाम से बेचा जा रहा है। इसे रोकने के लिए जीआइ टैग में इसे रजिस्टर करना चाहिए।
-यथार्थ अग्रवाल, पेठा कारोबारी
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