मन की शांति को कान्हा की नगरी में मंदिर- मंदिर भटक रहे तेजप्रताप
आज मथुरा और गोवर्धन में मंदिर और कुंडों पर पहुंचे।सभी कुंडों में आचमन लिया।
आगरा, जेएनएन: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप ने वक्त के झंझावातों से परेशान होकर ब्रज के मंदिरों में शांति की तलाश की। गुरुवार को उन्होंने ब्रज के कुंड और मंदिरों के दर्शन किए। उनके स्थानीय साथी लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने बताया कि गुरुवार को वह जयगुरुदेव आश्रम के समीप ध्रुव टीला गए। यहां से उन्होंने मधुवन देखा। इसके उपरांत गांव तारसी के तालवन, कमोदवन की यात्रा कर दर्शन किए। वह मथुरा गोवर्धन मार्ग स्थित सतोहा के शांतनु कुंड भी गए और शांतनु बिहारी जी के दर्शन किए।
यहां से उन्होंने छटीकरा पहुंचकर गरुण गोङ्क्षवद के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने सभी कुंडों में आचमन लिया। यहां से यात्रा को विश्राम देकर वह वृंदावन स्थित गेस्ट हाउस के लिए रवाना हो गए।
कल पहुंचे थे अंजनी कुंड व शाही शेख
इससे पूर्व तेजप्रताप बुधवार सुबह हरियाणा के होडल व पलवल में पडऩे वाले ब्रज के पौराणिक तीर्थस्थलों के दर्शन को पहुंचे थे। वे होडल जिले में भुलवाना गांव गए। यहां मंदिर में दर्शन करने के बाद चमेली वन पहुंचे और अंजनी कुंड में स्नान कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद तेजप्रताप ने पलवल के शेख शाही जाकर दर्शन व परिक्रमा की। पूरे दिन इन्हीं क्षेत्रों में भ्रमण करने के बाद तेजप्रताप शाम को होटल लौटे।
अपनों ने बनाई दूरी
एक दौर वह भी था जब वृंदावन में तेज प्रताप से मुलाकात करने वाले और अपने स्थान पर बुलाकर दबदबा दिखाने वालों की होड़ थी। इस बार जब वह परिवार से नाराज होकर ब्रज में डेरा डाले रहे तो किसी ने तेजप्रताप से मुलाकात करने तक की जहमत नहीं उठाई। इनमें कई साधु ऐसे भी थे, जो पहले खुद को उनका गुरु बताते थे। इस बार उन्होंने तेजप्रताप से दूरी बनाने में भी संकोच नहीं किया।

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