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    Durga Puja 2022: देवी प्रतिमा विसर्जन को नाचते और गाते जा रहे श्रद्धालु, आगरा में घाटाें पर सुरक्षा बंदोबस्त

    Durga Puja 2022 यमुना घाटों पर तैयार किए गए हैं चार अलग-अलग कुंड। सिकंदरा और बल्केश्वर में एक-एक हाथी घाट पर बनाए दो कुंड। नवरात्रि के बाद प्रतिमा विसर्जन का दौर। नवमी के बाद बुधवार को दशहरा पर भी सुबह से निकल रहीं टोलियां।

    By Sandeep KumarEdited By: Prateek GuptaUpdated: Wed, 05 Oct 2022 10:18 AM (IST)
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    Durga Puja 2022: आगरा में यमुना किनारे बनाए गए कृत्रिम कुंड में प्रतिमा विसर्जित करते श्रद्धालु।

    आगरा, जागरण संवाददाता। नवरात्र संपन्न होते ही शहरभर में स्थापित की गईं माता नवदुर्गा की प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला शुरू हो चुका है। मंगलवार को कई श्रद्धालु प्रतिमा विसर्जन करने यमुना घाटों पर पहुंचे, ज्यादातर लोग बुधवार को दशहरा के दिन विसर्जन कर रहे हैं। सुबह से ही श्रद्धालुओं की टोलियां नाचते−गाते रंग उड़ाते हुए निकल रही हैं। विसर्जन के लिए प्रशासन ने यमुना घाटों पर चार कृत्रिम कुंड तैयार किए हैं। यमुना में प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं होगी।

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    कल से ज्यादा आज विसर्जन

    नवमी के दिन मंगलवार को दर्जनों श्रद्धालुओं ने यमुना किनारे तैयार इन तीनों कुंडों में माता की प्रतिमा विसर्जित कीं। सभी घाटों पर लगभग 50 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं, लेकिन अधिकतम श्रद्धालु दशहरे पर प्रतिमा विसर्जित करेंगे। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ढोल-नगाड़ों और डीजे के साथ वाहन तैयार हैं। दशहरे पर सुबह माता के पूजन के बाद श्रद्धालु वाहनों से प्रतिमा विसर्जन करने यमुना घाटों पर तैयार इन कुंडों में पहुंच रहे हैं और लौटकर भंडारे का आयोजन करेंगे।

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    हुई बैरिकेडिंग, नदी में जाने पर रोक

    विसर्जन के लिए यमुना घाटों पर तीन जगह चार कृत्रिम कुंड तैयार किए गए हैं। बल्केश्वर और हाथीघाट पर नगर निगम जबकि कैलाश घाट पर जिला पंचायत ने कुंड तैयार कराए हैं। बल्केश्वर और हाथी घाट पर प्रतिमा विसर्जन के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कडे़ प्रबंध हैं। कृत्रिम कुंड में काली तिरपाल बिछाकर और यमुना जल भरकर तैयार किया गया है। पीएसी और पुलिसबल भी तैनात हैं। कैलाश मंदिर के पास कृत्रिम कुंड गहरा होने के कारण स्थानीय गोताखोर तैनात किए गए हैं, जिससे विसर्जन के दौरान कोई हादसा न हो।

    सिकंदरा, कैलाश मंदिर स्थित कुंड

    सिकंदरा, कैलाश मंदिर स्थित कृत्रिम कुंड पर बांस बल्ली से बैरिकेडिंग की गई है। लगभग 20 फीट से अधिक गहरे कुंड में आसपास के लगभग एक दर्जन परिवारों ने प्रतिमाओं का विसर्जन किया। सुरक्षा के लिए पीएसी के जवान भी तैनात रहे। महंत भरत और कैलाश गिरि ने बताया कि आज बुधवार को सर्वाधिक विसर्जन होगा।

    बल्केश्वर कृत्रिम कुंड

    इस कृत्रिम कुंड को नगर निगम ने तैयार किया है। तीन तरफ से काला तिरपाल बिछाकर डी वाटरिंग मड पंप से कृत्रिम कुंड में यमुना जल भरा गया है। जेसीबी से मिट्टी का उठान हो रहा था। यमुना में पानी का बहाव तेज था इसलिए लोगों को रोकने के लिए उस तरफ बैरिकेडिंग की गई है।

    हाथी घाट कुंड

    यहां दो कृत्रिम कुंड बनाए गए हैं। यमुना नदी के किनारे बने कृत्रिम कुंड में कुछ श्रद्धालु माता की प्रतिमा विसर्जित कर रहे थे। पुलिस के जवान भी तैनात थे। नदी की ओर बेरिकेडिंग की गई थी। दूसरा कृत्रिम कुंड तैयार किया जा रहा था।