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    डॉग लवर हैं तो रखें गर्मियों में इन 7 बातों का खास ध्यान, चढ़ता पारा बढ़ा रहा कुत्तों का भी पारा

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 13 Apr 2022 07:35 AM (IST)

    जिला अस्पताल में एक दिन में कुत्ता काटे के इंजेक्शन लगाने वाले पहुंच रहे 500 मरीज। पशु चिकित्सकों के पास हर रोज पहुंच रहे हीट-स्ट्रेस के साथ दर्जनों कुत्ते। जमीन गर्म होने से कुत्तों के पैर का तलवा भी जलता है और पैर में छाले पड़ जाते हैं।

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    गर्मियों में बढ़े कुत्ते काटे के मामले तो कुत्तों में बढ़ी गर्मियों की बीमारी।

    आगरा, जागरण संवाददाता। गर्मी अपने पूरे चरम पर है। पारा 45 पार कर चुका है। लोग परेशान हैं, बीमारियां बढ़ रही हैं। लोगों के साथ-साथ कुत्ते और अन्य जानवर भी परेशान हैं। पशु चिकित्सकों के पास जहां हीट-स्ट्रेस की परेशानी के साथ कुत्तों को लेकर लोग पहुंच रहे हैं तो वहीं जिला अस्पताल में भी कुत्ता काटे की मरीजों में दोगुने का अंतर आ गया है। पशु चिकित्सकों के पास कुत्तों में टिक्स, डीहाइड्रेशन, बुखार, उल्टी-दस्त, पेशाब न आना जैसी समस्याओं के साथ हर रोज दर्जनों लोग पहुंच रहे हैं।

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    अप्रैल से जून तक बढ़ते हैं मामले

    कुत्ता काटने के मामलों में अप्रैल से जून तक बढ़ोतरी होती है।सामान्यत: जहां हर रोज 250 से 300 मरीज कुत्ता काटे का इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचते हैं, इन दिनों यह संख्या 500 हो गई है।जिला अस्पताल में कुत्ता काटे इंजेक्शन लगवाने के लिए अलग से दो काउंटर की व्यवस्था की गई है।कुत्तों के अलावा इतनी गर्मी में बंदर काटे के मरीजों में भी वृद्धि होती है।पालतू कुत्तों से ज्यादा देसी कुत्ते लोगों पर ज्यादा आक्रमण करते हैं क्योंकि इन दिनों में उन्हें खाना और पानी दोनों ही कम मिलते हैं। इससे वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। कुत्ता काटने पर यह करें- कुत्ता काटने के बाद साबुन से नल के नीचे दस से 15 मिनट तक घाव को धोएं। - कुत्ता काटने वाले जख्म पर मिर्च नहीं लगाएं। चिकित्सक को दिखाएं। - एंटीसेप्टिक क्रीम घाव पर लगाएं। - कुत्तों को पानी और भोजन समय से उपलब्ध कराते रहें।- टिटनेस और एआरवी भी लगवाएं।

    इन प्रजातियों को लगती है ज्यादा गर्मी

    जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, पग, चाउ-चाउ,सेंट बर्नार्ड, स्पिट्ज, बुल मेस्टिफ, डाबरमैन, रोटवीलर, बाक्सर

    कुत्तों को भी होता है डी-हाइड्रेशन

    गर्मियों में सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि कुत्तों को भी डी-हाइड्रेशन होता है।बिल्लियों, बंदरों और गाय आदि जानवरों को भी लू लगती है। जिससे उन्हें बुखार, पेट दर्द, उल्टी-दस्त आदि दिक्कतें होती हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी टिक्स की होती है। इससे टिक फीवर भी हो जाता है, जो जानलेवा साबित होता है।

    इन बातों का रखें ध्यान

    1- कुत्तों व अन्य जानवरों के पास पीने का पानी हमेशा रखें।

    2- ज्यादा गर्मी हो तो दिन में एक से दो बार इलेक्ट्रोल या ग्लूकोज दें।

    3- जानवरों को छाया में रखें।

    4- अगर कुत्ता ज्यादा हांफ रहा हो तो उसके शरीर को गीले कपड़े से साफ कर दें।

    5- कुत्ते को दोपहर में घुमाने न ले जाएं, उसे सुबह या रात में ही घुमाने लेकर जाएं।

    6- यदि आपके कुत्ते के शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उसे समय-समय पर कटवाते रहें।बाल कटवाने से उसके टिक्स भी कम पड़ेंगे।

    7- खाने में दूध न दें, दही ज्यादा दें। दही-चावल, दलिया जैसी हल्की चीजें खाने में दें।

    कुत्ते क्यों होते हैं खूंखार

    पशु चिकित्सक डा. संजीव नेहरू ने बताया कि कुत्तों में पसीना निकलने वाला ग्रंथि नहीं होती है, जिसके कारण उसके शरीर का तापमान बैलेंस नहीं हो पाता है और गर्म रहता है। गर्मी में प्यास ज्यादा लगती है। इसीलिए वो पूरा दिन हांफता है। जमीन गर्म होने से कुत्तों के पैर का तलवा भी जलता है और पैर में छाले पड़ जाते हैं। इन सभी कारणों की वजह से कुत्ते अधिक खूंखार हो जाते हैं।

    क्या है हीट स्ट्रेस

    कुत्ता जरूरत से ज्यादा हांफता है। उल्टी-दस्त और बुखार के साथ ही उसे पेशाब नहीं आता है। कुछ मामलों में जुकाम और सूखी खांसी भी आती है। इस समस्या के साथ पशु चिकित्सकों के पास हर रोज दर्जनों मामले पहुंच रहे हैं।