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    Cyber Crime: सावधान! अब निष्क्रिय बीमा पॉलिसी धारक शातिरों के निशाने पर

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 31 Jul 2020 02:33 PM (IST)

    Cyber Crime एक कारोबारी से सवा करोड़ रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। जबकि दूसरे व्यवसायी अपनी सतर्कता के चलते बच गए।

    Cyber Crime: सावधान! अब निष्क्रिय बीमा पॉलिसी धारक शातिरों के निशाने पर

    आगरा, जागरण संवाददाता। अगर आपकी कोई पॉलिसी निष्क्रिय है तो सावधान रहें। साइबर शातिर आपको पॉलिसी में अब तक की जमा रकम का कई गुना धन दिलवाने का लालच देकर फंसा सकते हैं। अब शातिरों का गैंग निष्क्रिय बीमा पॉलिसी धारकों को निशाना बना रहा है। एक कारोबारी से सवा करोड़ रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। जबकि दूसरे व्यवसायी अपनी सतर्कता के चलते बच गए। साइबर सेल में शिकायत पहुंचने के बाद मामले की जांच की जा रही है।

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    शहर के कारोबारी के पास अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने उनकी निष्क्रिय पड़ी बीमा पॉलिसी के बारे में बात करना शुरू किया। उसने कहा कि आपकी पॉलिसी निष्क्रिय पड़ी है। अब तक जमा की गई रकम की दो गुनी हम आपको दिला सकते हैं। हमारी कंसल्टेंसी यही काम करती है। उसके द्वारा बीमा पॉलिसी की पूरी डिटेल बताए जाने के कारण कारोबारी को भरोसा हो गया। बात आगे बढ़ी तो साइबर शातिरों ने उनसे कहा कि लाभ लेने के लिए उन्हें मार्जिन मनी जमा कराना होगा। जाल में फंसाकर धीरे-धीरे शातिरों ने उनसे सवा करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में जमा करा लिए। इसके बाद नंबर स्विच ऑफ कर लिया। कई दिन तक कारोबारी ने इंतजार किया। संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने साइबर सेल में मामले की शिकायत की है। ताजगंज क्षेत्र के एक व्यवसायी के पास भी इसी तरह की एक कॉल आई। उनकी एक पॉलिसी काफी समय से निष्क्रिय थी। कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि आपकी निष्क्रिय पॉलिसी में जमा धन का तीन गुना आपको मिल जाएगा। व्यवसायी ने उनसे कहा कि वे ऑफिस आकर बात करेंगे। इस पर शातिर कहने लगे कि इसकी जरूरत नहीं है। वे खाता नंबर बता रहे हैं, इसमें रुपये जमा करा दें। व्यवसायी उनकी बात समझ गए और जाल में नहीं फंस पाए। उन्होंने भी साइबर सेल को इसकी सूचना दी है। रेंज साइबर थाना प्रभारी शैलेष कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि शिकायतें निष्क्रिय बीमा पॉलिसी धारकों से ठगी की शिकायतें मिली हैं। अभी जांच की जा रही है।

    कैसे पहुंच रही है डिटेल

    बीमा पॉलिसी की जानकारी बीमा कंपनी और ग्राहक के अलावा एजेंट को भी होती है। साइबर शातिर आखिर ये जानकारी कहां से ले रहे हैं? यह सवाल भी कारोबारी को परेशान कर रहा है। पुलिस की जांच में ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि शातिरों के पास निष्क्रिय बीमा पॉलिसी की जानकारी कहां से पहुंच रही है।

    सावधानी ही बचाव

    साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन का कहना है कि कोई भी बीमा कंपनी इस तरह कॉल करके स्कीम का लाभ नहीं देती है। ऐसे कॉल पर भरोसा न करें। संबंधित बीमा कंपनी की ऑफिसियल वेब साइट से या कार्यालय में जाकर इसकी जानकारी कर लें। साइबर शातिरों से बचाव के लिए सावधानी ही एक उपाय है।