Operation Asmita : माता-पिता को देखकर भावुक हो रहीं बेटियां, काउंसलिंग से व्यवहार में दिखा सकारात्मक बदलाव
Operation Asmita मतांतरण कराने वाले गिरोह के प्रभाव में आई बेटियों को पुलिस और मनोवैज्ञानिकों की काउंसलिंग के बाद उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। बेटियां अब काउंसलिंग करने वालों को नमस्ते कर रही हैं और माता-पिता को देखकर भावुक हो रही हैं। पुलिस ने उन्हें सच से अवगत कराया कि कैसे आरोपियों ने उन्हें जाल में फंसाया था जिसके बाद उनके विचारों में परिवर्तन आया।

जागरण संवाददाता, आगरा: Operation Asmita : मनोविज्ञानी और पुलिस की काउंसलिंग से मतांतरण करने वाली बेटियों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है। वह काउंसलिंग करने वाले वालों को नमस्ते करने लगी हैं। माता-पिता को देखकर भावुक हो जाती हैं। बेटियों में आए इस बदलाव से माता-पिता और पुलिस उत्साहित है।
कोलकाता के मुस्लिम बाहुल्य इलाके तपसिया में आगरा पुलिस ने छापा मारकर सदर क्षेत्र से गायब बेटियों को बरामद किया था। उस दृश्य को याद करके बेटियों के पिता आज भी सिहर उठते हैं।
एक कमरे में रहने वाली बेटियाें मतांतरण के बाद कट्टरता की ओर अग्रसर हो चुकी थीं। वह सिर्फ खाने-पीने का सामान लेने कभी-कभार ही बाहर निकलती थीं। अधिकांश आनलाइन ही खाना मंगा लेती थीं। दोनों एक कमरे में रहने के दौरान समाज से पूरी तरह कट गई थीं। मतांतरण गिरोह ने उन्हें वीडियो और साहित्य उपलब्ध करा रखा था। वह दिन भर मतांतरण से संबंधित साहित्य का अध्ययन करती रहती थीं।
एक कमरे में रहकर समाज से कट गई बेटियाें की हालत देख दंग थे स्वजन
बेटियों को बरामद करने के बाद पुलिस और पिता ने वहां रखा सामान तक अपने कब्जे में नहीं लिया। रुपये और जेेवरात समेत अन्य सामान को वहीं छोड़ दिया था। तपसिया में अधिक समय रुकने पर वहां लोग एकत्रित होकर विरोध कर सकते थे। पुलिस और मनोविज्ञानी दोनों मिलकर बेटियों की काउंसलिंग कर रहे हैं। वह बेटियों के प्रश्नों का तार्किक उत्तर देने के साथ ही उन्हें कई उदाहरण देकर समझाते हैं। इसके लिए धर्म विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है।
काउंसलिंग करने वालों को करने लगीं नमस्ते, रुपये और जेवरात छोड़ आए थे
परिवार के सदस्याें व अन्य लोगों से लगातार मिलने एवं काउंसलिंग से बेटियों में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। वह काउंसलिंग करने वालों को नमस्ते करने लगी हैं। अब महिला पुलिसकर्मियों से भी बेहतर तरीके से बातचीत कर रही हैं। काउंसलिंग करने वाले इसे सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं। बेटियों को फिलहाल पुलिस और मनोविज्ञानी की निगरानी में रखा गया है।
पुलिस ने कराया सच से सामना
दोनों बहनों के दिमाग पर अवैध मतांतरण गिरोह ने ऐसा प्रभाव छोड़ा था कि वे शुरूआत में किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थीं। पुलिस ने उनका सच से सामना कराया। आरोपितों ने उन्हें कैसे जाल में फंसाया? वे कैसे उनका इस्तेमाल कर रहे थे? नेटवर्क में कहां-कहां के लोग जुड़े हैं? इसके साक्ष्य उन्हें दिखाए। इसके बाद दोनों बहनों के विचारों में कुछ परिवर्तन आया।
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