Agra सचिन चौहान हत्याकांड: दो करोड़ रुपये के लिए अपहरण, पीपीई किट पहनकर जलाया, अब लगी गैंगस्टर, पढ़िए अब तक का घटनाक्रम
Agra News न्यू आगरा थाने में इंस्पेक्टर विजय विक्रम सिंह की ओर से गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा लिखाया है। इसमें उनका कहना है कि आरोपितों ने संगठित गिरोह बनाकर पहले फिरौती के लिए अपहरण किया और इसके बाद हत्या कर दी।

आगरा, जागरण संवाददाता। सचिन चौहान हत्याकांड में जेल में बंद पांचों आरोपितों पर कानून का और कड़ा शिकंजा कस गया है। पुलिस ने सभी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर दी है। न्यू आगरा थाने में गैंगस्टर एक्ट की धारा में मुकदमा लिखा गया है। इससे फिलहाल आरोपितों को कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई हैं।
शीतगृह स्वामी का इकलौता बेटा था सचिन
दयालबाग के जयराम बाग निवासी शीतगृह स्वामी सुरेश चौहान का इकलौता बेटा 25 वर्षीय सचिन चौहान 21 जून को लापता हुआ था। 27 जून की रात को एसटीएफ ने इस मामले में सुरेश चौहान के बिजनेस पार्टनर लेखराज चौहान के बेटे हर्ष चौहान, सुमित आसवानी, हैप्पी खन्ना, रिंकू व मनोज बंसल को गिरफ्तार करके मामले का पर्दाफाश कर दिया। हर्ष से सचिन की गहरी दोस्ती भी थी।
दो करोड़ की फिरौती वसूलने के लिए किया था अपहरण
आरोपितों ने दो करोड़ की फिरौती वसूलने के लिए सचिन को अगवा किया था। इसके बाद उसकी हत्या कर शव बल्केश्वर घाट पर ले गए। वहां अंतिम संस्कार कर दिया। कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया। इसके बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने व अन्य धाराओं में चार्जशीट लगा दी थी। सभी आरोपित अभी जिला जेल में ही बंद हैं। उनके खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की तैयारी कर रही थी।
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के पर्याप्त सबूत
आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का पर्याप्त आधार है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा विजय विक्रम सिंह का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा लिख लिया है।नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कब क्या हुआ
- 21 जून 2021 को शीतगृह स्वामी का बेटा सचिन घर से गया था। इसके बाद वापस नहीं आया।
- 22 जून को स्वजन ने न्यू आगरा थाने में गुमशुदगी लिखाई।
- 23 जून को एसटीएफ को मामले की जांच सौंप दी गई।
- 28 जून को एसटीएफ की टीम ने आरोपितों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया।
- 31 अक्टूबर 2021 को विवेचक ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी।
ये की थी प्लानिंग
-सचिन को घर से बुलाने को आरोपित ने वाट्सएप काल की, जिससे काल डिटेल में उसका नंबर नहीं आए।
- पार्टी के बहाने एकांत में ले गए। वहां मनोज निगरानी पर रहा। हैप्पी ने हाथ और रिंकू ने पैर पकड़ लिए। सुमित ने सचिन के सीने पर बैठकर उसका गला दबाया। मुंह पर टेप लगाया और चेहरे पर लेमीनेशन वाली पालीथिन चिपका दी, जिससे गले और चेहरे पर निशान न बनें।सांस थमने के बाद टेप और पालीथिन हटा दी।
- पीपीई किट खरीदकर ले गए। कोरोना पाजिटिव का शव बता दिया, जिससे कोई नजदीक भी नहीं आएगा। चार-पांच युवकों के अंतिम संस्कार करने पर कोई शक भी नहीं करे।
- दूसरे दिन बल्केश्वर श्मशान घाट पर जाकर अस्थियों काे चुन लिया। उनका यमुना में विसर्जन कर दिया, जिससे डीएनए मिलान को भी कोई साक्ष्य न बचे।
- मनोज बंसल उर्फ लंगड़ा को सचिन का मोबाइल लेकर भेज दिया गया। वह इटावा पहुंचा। यहां से स्वजन काे फिरौती मांगने को काल की। मगर, उसकी हिम्मत नहीं पड़ी। इसके बाद वह कानपुर और लखनऊ तक भेजा, जिससे सचिन के मोबाइल की लोकेशन लखनऊ में आए और उन पर शक न हो। उसने कानपुर में सचिन का आइफोन तोड़कर फेंक दिया था।
- 21 जून की रात को ही पिता सुरेश चौहान के मोबाइल पर सचिन के मोबाइल से काल करके उसके शराब पीकर सोने की बात कही। बताया कि वह नोएडा में है।
- हर्ष पूरी घटना का सूत्रधार होते हुए भी ठंडे दिमाग से स्वजन के साथ रह रहा था। वह हर जगह सचिन की तलाश कराने साथ जा रहा था। यहां तक कि एसटीएफ को जांच में सहयोग भी कर रहा था, जिससे उस पर किसी को शक न हो।
- घटना के समय पानी के प्लांट में सचिन की चप्पलें रह गई थीं। आरोपिताें को लगा कि यह सुबूत बन सकती हैं। इसलिए दूसरे दिन वहां जाकर चप्पलें लीं और उन्हें रास्ते में एक साथ फेंक दिया। उन्हें कोई वहां से उठाकर ले गया।
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