आगरा में पकड़ा गया चीनी युवक निकला मजदूर, 'लैला' ढूंढने आया था भारत
खुफिया एजेंसियों ने चीन से उसके बारे में जानकारी की, उसके मां-बाप से बात की और मोबाइल की फोरेंसिक जांच करा ली।
आगरा (जागरण संवाददाता)। आगरा के सैन्य क्षेत्र के पास से सेना की वर्दी में पकड़ा गया चीनी युवक मजदूर निकला। वह यहां ‘लैला’ की तलाश में सौ किमी पैदल चला और सौ किलोमीटर से साइकिल से सफर करके पहुंचा था। चीन के जिलिन का रहने वाला यान हाइबो शनिवार शाम को सैन्य क्षेत्र के बाहर से सेना की वर्दी में पकड़ा गया था, लेकिन भाषा की समस्या आड़े आने पर उससे पूछताछ नहीं हो सकी।
बाद में दिल्ली से केंद्रीय खुफिया एजेंसी की टीम उससे पूछताछ को आई। युवक ने बताया कि वह चीन में मजदूरी करता है। 38 साल की उम्र होने पर भी उसकी शादी नहीं हुई है। किसी दोस्त ने वहां उसे 'लैला-मजनू' की कहानी सुनाई। उसने कहा कि भारत से वह आसानी से लैला को शादी करके ला सकता है। इसके बाद वह रुपये जमा करके यहां चला आया।
दोस्त ने उसे यह भी बताया था कि दिल्ली से 200 किलोमीटर की दूरी पर असोम है। वहां से दो 200 चीन का बॉर्डर है, जहां से वह लैला को लेकर देश आ सकता है। 24 अक्टूबर को वह दिल्ली पहुंचा। वहां से पैदल ही चल दिया। 100 किलोमीटर तक चलने के बाद वह थक गया। इसके बाद उसने हरियाणा में कहीं पुरानी साइकिल खरीदी। उसमें एक हजार रुपये लगाकर ठीक कराई, इसके बाद साइकिल से सफर शुरू कर दिया।
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आगरा तक वह साइकिल लेकर आया और सैन्य क्षेत्र की ओर पहुंचने पर पकड़ा गया। खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से बार-बार चीनी भाषा में कह रहा था कि वह शादी करने आया है। आगरा से कुछ दूर और चलने के बाद उसे 'लैला' मिलेगी। उसे लेकर वह साइकिल से दो सौ किमी चलकर बॉर्डर पार करके ले जाएगा। शुरुआत में उसकी बातों पर किसी को भरोसा नहीं हुआ।
खुफिया एजेंसियों ने चीन से उसके बारे में जानकारी की। उसके मां-बाप से बात की और मोबाइल की फोरेंसिक जांच करा ली। लंबी पड़ताल के बाद उसको क्लीन चिट दी। मंगलवार को आगरा से पुलिस की एक टीम उसे दूतावास लेकर पहुंची। चीनी दूतावास द्वारा फ्लाइट की टिकट उपलब्ध कराने पर टीम उसे एयरपोर्ट पर छोड़कर वापस आ गई।

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