चंबल नदी में स्टीमर का संचालन बंद, 27 घंटे में आठ मीटर बढ़ा जलस्तर; कोटा बैराज से छोड़ा पानी दिखा रहा असर
कोटा बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर 123 मीटर तक पहुंचने के कारण स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया है और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन के अनुसार मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार बारिश के चलते कोटा बैराज से और भी पानी छोड़ा जा सकता है।

संसू, जागरण-पिनाहट/आगरा। कोटा बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का असर मंगलवार को दिखना शुरू हो गया। सुबह नौ बजे चंबल नदी का जलस्तर 120 मीटर पर पहुंच गया। इससे स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया। 27 घंटे में आठ मीटर जलस्तर बढ़ा है। यह 123 मीटर पर पहुंच गया। बाह तहसील प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश के चलते राजस्थान के कोटा शहर में चंबल नदी पर बने बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। सोमवार दोपहर तीन बजे दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे पूर्व डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। शाम छह बजे तक जलस्तर 123 मीटर पर पहुंच गया। चंबल नदी का चेतावनी बिंदु 127 मीटर और खतरे का निशान 130 मीटर है।
मंगलवार शाम छह तक 123 मीटर पहुंचा जलस्तर
चेतावनी बिंदु को जैसे ही जलस्तर क्रास करता है। सड़कों और गलियों में पानी भरना शुरू हो जाता है। जिस तरीके से मध्य प्रदेश और राजस्थान में बरसात हो रही है। कोटा बैराज में और भी पानी छोड़ा जा सकता है। वहीं स्टीमर का संचालन बंद होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जलस्तर में कमी आने के बाद स्टीमर का संचालन शुरू होगा।
धौलपुर में खतरे के निशान कुछ नीचे बह रही नदी
लगातार हो रही बारिश से चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के एईएन विवेक बंसल ने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे नदी का जलस्तर 130.30 मीटर दर्ज किया गया। शाम छह बजे नदी 129.90 मीटर पर बह रही थी। यहां खतरे का निशान 130.79 मीटर पर है। इसे लेकर प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की गई है।
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