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    जीएसटी से जुड़े विवादों में नहीं जाना होगा इलाहाबाद हाई कोर्ट, आगरा के व्यापारियों को मिली सहूलियत

    By Nirlosh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 08:39 PM (IST)

    आगरा में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच 21 जनवरी से काम शुरू करेगी, जिससे कारोबारियों को विवादित कर मामलों के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। न्या ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में विवादित कर से जुड़े मामलों में राहत पाने के लिए कारोबारियों को अब इलाहाबाद हाई कोर्ट नहीं जाना होगा। जीएसटी ट्रिब्यूनल की आगरा बेंच में सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई है। ट्रिब्यूनल के 21 जनवरी से काम शुरू करने पर राहत पाने के लिए कारोबारी अपील कर सकेंगे।

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    इससे कारोबारियों को इलाहाबाद आने-जाने में होने वाले व्यय और समय की बचत होगी। ट्रिब्यूनल में अपील को कारोबारियों को विवादित कर की 10 प्रतिशत धनराशि जमा करानी होगी।

    जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था, तभी से कारोबारियों को त्वरित व सुलभ न्याय के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन की मांग की जा रही थी। विवादित कर के विरोध में प्रथम अपील जीएसटी द्वारा खारिज किए जाने या राहत नहीं मिलने पर कारोबारी इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण लेते थे। आगरा में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच की घोषणा तो हाे गई थी, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी थी।

    वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जीएसटी ट्रिब्यूनल की आगरा बेंच में न्यायिक सदस्य अजीत सिंह और तकनीकी सदस्य विवेक कुमार को नियुक्त किया था। बोदला-सिकंदरा रोड स्थित क्रास रोड माल में बेंच 21 जनवरी से काम शुरू कर देगी। ट्रिब्यूनल में एक जुलाई, 2017 से 31 मार्च, 2026 तक पारित किए गए प्रथम अपीलीय आदेश के विरुद्ध 30 जून, 2026 तक आनलाइन अपील दाखिल की जा सकेगी।

    सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी में तथ्यों की जांच के लिए अंतिम अथारिटी ट्रिब्यूनल ही है। हाई कोर्ट केवल कानूनी मामला देखता है। ट्रिब्यूनल के काम शुरू करने पर कारोबारी विवादित कर के विरुद्ध प्रथम अपील अस्वीकार होने या राहत नहीं मिलने पर अपील कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें विवादित कर की धनराशि का 10 प्रतिशत प्रथम अपील और ट्रिब्यूनल में अपील का 10 प्रतिशत जमा करना होगा।