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    Agra News: एसपी के सामने घूस ले रहा था कर्मचारी, पकड़ा!, विजिलेंस ने बताया रिश्वत लेने पर क्या करें, नोट करें फोन नंबर

    एसपी विजिलेंस शगुन गौतम ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस बनवाने बिजली का बिल सही कराने विकास प्राधिकरण में मानचित्र पास कराने खाद्य विभाग में लाइसेंस का नवीनीकरण कराने नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आए दिन लोगों को जाना आता है। इन समेत अन्य विभागों में कई कर्मचारी करने के बदले में घूस मांगते हैं। ऐसे में पीड़ित इसकी शिकायत विजिलेंस और एंटी करप्शन में कर सकते हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 31 Oct 2023 06:46 AM (IST)
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    Agra News: सूरसदन में आयोजित विजिलेंस के जागरूकता सतर्कता सप्ताह में नाटक का मंचन।

    जागरण संवाददाता, आगरा। विजिलेंस के एसपी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। उनके सामने बैठा सरकारी विभाग का कर्मचारी पेंशन के प्रपत्र तैयार कराने आए सेवानिव़ृत्त बाबू से घूस मांग रहा था।

    लिफाफे में रखे रुपये हाथ में लेते ही घूसखोर कर्मचारी को वहां मौजूद विजिलेंस टीम ने दबोच लिया। यह दृश्य विजिलेंस द्वारा जागरूकता सप्ताह के तहत सूरसदन में आयोजित कार्यक्रम का था।

    विजिलेंस ने बताया कैसे करते हैं काम

    घूसखोर की विजिलेंस के निरीक्षक भूमिका रामकुमार सिंह चौहान और पीड़ित की रामवीर सिंह निभा रहे थे। नाटक के मंचन के माध्यम से लोगों को बताया गया कि लोक सेवक यदि घूस मांगता है? उसके विरुद्ध कहां शिकायत की जाए, विजिलेंस किस तरह से काम करती है।

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    घूस मांगने पर यहां करें फोन

    घूसखोर की शिकायत करने के लिए विजिलेंस ने मोबाइल नंबर 9454401866 जारी किया है। पीड़ित उक्त नंबर पर फोन करने के अलावा सुभाष पार्क के सामने बैंक कालोनी में स्थित विजिलेंस कार्यालय में सीधे आकर भी शिकायत कर सकते हैं।

    ये हैं नियम

    • जिस व्यक्ति की शिकायत की गई है, उसके विरुद्ध साक्ष्य होना चाहिए।
    • पीड़ित किसी अन्य के माध्यम से अपनी शिकायत नहीं कर सकता।
    • आरोपित कर्मचारी की गोपनीय जांच की जाती है, यह पता करने के लिए कहीं उसे रंजिश के तहत तो नहीं फंसाया जा रहा है।
    • लोक सेवक की शिकायत करने वाले पीड़ित का नाम आरोपित के पकड़े जाने तक गोपनीय रखा जाता है।इससे कि उस पर किसी तरह का दबाव न बनाया जा सके।
    • आरोपित को पकड़ने के दाैरान जिलाधिकारी के यहां से दो स्वतंत्र गवाह लिए जाते हैं।
    • आरोपित की गिरफ्तारी के 40 दिन में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया जाता है।