नॉन वेज या प्रोटीन पाउडर नहीं, देसी पहलवान ने 200 बादाम रोज खाकर बनाई बॉडी और जीता खिताब
Body Building आगरा के शाकाहारी बॉडी बिल्डर कुलदीप सिंह ने पाया पहला स्थान। दिल्ली में हुई मिस्टर और मिस इंडिया बाडीबिल्डिंग एंड फिटनेस चैंपियनशिप 2022। बादाम दूध और घी से तैयार की नेचुरल बाडी मिस्टर इंडिया बनना है अब सपना।
आगरा, जागरण संवाददाता। अमिताभ बच्चन की फिल्म मर्द का डायलॉग तो याद होगा ही, डिब्बे का दूध पी−पीकर डिब्बे हो गए हो। बॉडी बिल्डिंग पर इस समय युवाओं का खास जोर है। कम समय में अच्छी बॉडी बनाने के लिए क्या−क्या जतन नहीं किए जा रहे। प्रोटीन पाउडर से लेकर चिकिन तक का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन जो बात देसी में है, वाे विदेशी में कभी रही ही नहीं। आगरा के पहलवान ने देसी खान−पान के दम पर बॉडी बनाई और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियाेगिता में खिताब जीता है। शाहकारी होने के कारण उन्होंने सिर्फ दूध, घी और ड्राइफ्रूट्स से ही प्रोटीन की खुराक पूरी की। दिल्ली में हुई नेशनल बाडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में नेचुरल बाडी वर्ग में पहला पुरस्कार प्राप्त किया है।
फिटनेस चैंपियनशिप में पहले नंबर पर
हम बात कर रहे हैं अछनेरा के गांव कचौरा निवासी कुलदीप सिंह की, जो आगरा में सेना में ट्रेेडमैन हैं। छह नवंबर को दिल्ली में हुई इंडियन फिटनेस बाडी बिल्डिंग एसोसिएशन (आइएफबीए) की मिस्टर और मिस इंडिया बाडी बिल्डिंग एंड फिटनेस चैंपियनशिप 2022 में उन्होंने पहला स्थान पाया है। वह बताते हैं कि परिवार में पहलवानी का चलन था, लेकिन नौकरी के कारण दिन में समय निकालना मुश्किल था। इसलिए सुबह और शाम को दो-दो घंटे निकालकर जिम जाना शुरू किया। आक्सीजन जिम के कोच अवनीश यादव ने उनकी बहुत मदद की और नेचुरल प्रोटीन के रूप में दूध, घी, बादाम, ड्राइफ्रूट व पनीर आदि की डाइट निर्धारित की। वह प्रोफेशनल तौर पर दो साल से मेहनत कर रहे हैं। उनका लक्ष्य मिस्टर इंडिया बनना है।
दिन में 200 बादाम, चार लीटर दूध
कुलदीप बताते हैं कि शाकाहारी होने के कारण शहर की प्रोटीन की जरूरत पूरी करना एक बड़ी चुनौती थी। इसलिए उन्हें रोजाना 200 बादाम, सुबह-शाम दो-दो लीटर दूध, 100 ग्राम किशमिश व अन्य ड्राइफ्रूट, 300 ग्राम पनीर नियमित रूप से खाना होता है।
परिवार व अधिकारियों ने किया पूरा सहयोग
कुलदीप की शादी छह साल पहले हुई, उनकी एक बेटी और बेटा है। सुबह आठ से दोपहर चार बजे तक नौकरी और उससे पहले और बाद में जिम। ऐसे में परिवार को समय देना मुश्किल था। लेकिन परिवार ने सहयोग किया और अधिकारियों ने उन्हें प्रतियोगिताएं लडने से नहीं रोका, इसलिए वह यह उपलब्धि प्राप्त कर पाए।
युवाओं को सलाह
कुलदीप सिंह ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि शारीरिक साैष्ठव भी एक साधना हूं। मैं दो बच्चाें का पिता हूं और प्रतियाेगिता में पहले स्थान पर रहा। उसके पीछे वजह है कि युवा जल्दबाजी के चक्कर में खान−पान पर कम और एक्सरसाइज पर ज्यादा जोर देते हैं। सब कुछ फटाफट नहीं होता। शरीर को भरपूर पाेषक तत्व चाहिए होते हैं, जो अपने पुराने खान−पान में छिपे हैं। ये शरीर को अंदर से मजबूती प्रदान करते हैं, बाद में बाहर से शेप देने के लिए आप एक्सरसाइज कर सकते हैं।
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