होली से पहले मां-बाप के जीवन में बिखरे खुशियों के रंग, 10 दिन से लापता मासूम मिला तो खुशी से छलकीं आंखें
Agra News घर से निकलकर रास्ता भटके बालक को माता-पिता मिले। राजकीय बाल गृह में रहने को मजबूर था सात वर्षीय बालक। मां को देखते ही लिपट गया जमुई (बिहार)निवासी शिवा। मां-बाप बोले- ये होली रहेगी जीवन की यादगार।

आगरा, जागरण संवाददाता। जमुई से आकर 10 दिन से पुत्र की तलाश में भटकते रामचंद्र और कुसुमा देवी की आंखें रविवार को खुशी से छलक उठीं। सात वर्षीय शिवा ने माता-पिता को सामने देखा तो दौड़ कर उनसे लिपट गया। रोने लगा, मां कुसुमा ने उसे शांत कराया। पुत्र को लेकर मन में उठती तमाम आशंकाओं पर विराम लग चुका था। बेरंग उम्मीदें होली पर खुशियों के रंग में भर चुकी थीं।
कागारौल में मिला था बालक
कागारौल इलाके में 20 फरवरी को सात वर्षीय बालक शिवा भटकता हुआ मिला था। उसे रोता देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। उसने बालक को राजकीय बाल गृह में आवासित करा दिया। काउंसलिंग में शिवा ने अपने गांव का नाम चरका पत्थर और बिहार बताया था। उसे जिले का नाम पता नहीं था।
झारखंड की संस्था से किया संपर्क
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि बालक से बातचीत की। जिसके बाद झारखंड की संस्था कालेश्वर मंडल से संपर्क किया। उनकी मदद से बच्चे का पता और उसके स्वजन को खोज निकाला। रामचंद्र ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। पत्नी कुसुमा देवी बीड़ी बनाने काम करती हैं। गांव में रहने वाले रिश्तेदार अछनेरा में हलवाई का काम करते हैं। पिछले महीने पुत्र जिद करके उनके साथ घूमने आ गया था। वह गांव से निकलने के बाद रास्ता भटक गया था।
पुत्र को तलाश रहे थे माता-पिता
परिचित ने उसकी गुमशुदगी अछनेरा थाने में दर्ज करा दी। जानकारी होने पर वह आगरा आ गए। यहां पुत्र को तलाश रहे थे। शिवा को पाने पर माता-पिता का कहना था कि यह होली यादगार रहेगी। बालक को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। इस दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्य निमेष बेताल सिंह, अर्चना उपाध्याय, बालगृह के अधीक्षक ऋृषि कुमार मौजूद रहे।
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