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    Agra News: ‘ताजमहल’ पर लगाए जा रहे बार कोड, पर्यटकों की भलाई के लिए उठाया कदम; होगा ये फायदा

    आगरा में पर्यटकों को ठगने का खेल चल रहा था। प्राइस टैग आसानी से बदलकर भारतीय व विदेशी पर्यटकों को अलग-अलग मूल्य बताया जाता था। हालांकि अब हैंडीक्राफ्ट शोरूम व दुकानों पर बिक्री के लिए रखे उत्पादों पर प्रशासन ने बार कोड को अनिवार्य कर दिया है। बार कोड को स्कैनर से स्कैन करना होगा जिससे उसे बदलना संभव नहीं होगा।

    By Nirlosh Kumar Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 12 Jan 2024 10:41 AM (IST)
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    Agra News: ‘ताजमहल’ पर लगाए जा रहे बार कोड, पर्यटकों की भलाई के लिए उठाया कदम; होगा ये फायदा

    जागरण संवाददाता, आगरा। ताजमहल पर पर्यटकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए प्रशासन ने अहम कदम उठाया है। हैंडीक्राफ्ट शोरूम व दुकानों पर बिक्री के लिए रखे उत्पादों पर बार कोड को अनिवार्य किया गया है। संगमरमर या अलाब्लास्टर (खड़िया पत्थर) से बने ताजमहल के माडल हों या पच्चीकारी युक्त फ्लावर पाट, टी कास्टर, प्लेट, टेबल टाप सभी पर बार कोड लगा नजर आ रहा है।

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    ताजमहल देखने प्रतिदिन आते हैं कितने लोग

    ताजमहल देखने प्रतिदिन लगभग 25 हजार भारतीय और विदेशी पर्यटक आते हैं। ताजमहल के दीदार की यादों को संजोए रखने के लिए वह हैंडीक्राफ्ट उत्पाद साथ ले जाते हैं। ताजमहल के पूर्वी व पश्चिमी गेट, ताजनगरी, फतेहाबाद रोड पर 250 से अधिक हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम, शोरूम और दुकानें हैं। पूर्व में हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम संचालक और दुकानदार उत्पादों पर प्राइस टैग नहीं लगाते थे।

    उत्पादों की कीमत कई गुणा बढ़ाकर बताकर पर्यटकों को ठगा जाता था। तीन माह पूर्व प्रशासन द्वारा हैंडीक्राफ्ट की दुकानों व एंपोरियम में प्राइस टैग को अनिवार्य किया गया था। अब प्राइस टैग के स्थान पर बार कोड लगवाए जा रहे हैं। एंपोरियम संचालकों और दुकानदारों को इसके लिए पूरा सेटअप लगाना पड़ा है। उत्पाद पर बार कोड लगाने के साथ ही उन्हें कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर की व्यवस्था करनी पड़ी है।

    प्राइस कंट्रोल के लिए लगवाए गए बार कोड

    एसडीएम मुख्यालय अभय सिंह ने बताया कि प्राइस कंट्रोल के लिए बार कोड लगवाए गए हैं। प्राइस टैग आसानी से बदलकर भारतीय व विदेशी पर्यटकों को अलग-अलग मूल्य बताया जाता था। बार कोड को स्कैनर से स्कैन करना होगा, जिससे उसे बदलना संभव नहीं होगा। मंडलायुक्त का भी बार कोड लगवाने का विजन था। इससे पर्यटकों से ठगी रुकेगी।

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