Agra University: आंबेडकर विवि से जारी हुईं फर्जी अंकतालिकाएं, मिल गई नौकरी भी, अब STF पहुंची जांच करने मथुरा
Agra University बीए वोकेशनल की आठ फर्जी अंकतालिकाओं की सूची एसटीएफ को सौंपी। बीटेक कंप्यूटर साइंस बीसीए समेत कई पाठ्यक्रमों में निकली 18 फर्जी अंकतालिकाएं। विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार लिखित में शिकायत की गई है लेकिन हुआ कुछ नहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फर्जी अंकतालिकाओं के दम पर नौकरी पाने वालों की संख्या लगातार कम बढ़ रही है। 2005 फर्जी बीएड मामले के बाद अब बीए वोकेशनल में भी फर्जी अंकतालिकाओं का मामला प्रकाश में आया है। फर्जी अंकतालिकाओं की सूची एसटीएफ को मिल चुकी है। फर्जी अंकतालिकाओं के दम पर नौकरी कर रहे युवाओं की तलाश में एसटीएफ मथुरा पहुंच चुकी है।
2005 में भी हुआ था घाेटाला
विश्वविद्यालय में सत्र 2005 का फर्जी बीएड अंकतालिका प्रकाश में आया था, जिसमें विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने 2020 में स्वीकार किया था कि 2824 छात्रों की अंकतालिकाएं फर्जी थीं। एक बार फिर से विश्वविद्यालय में फर्जी अंकतालिकाएं सामने आई हैं। इस बार बीटेक, कंप्यूटर साइंस, बीसीए के बाद बीए वोकेशनल की 18 अंकतालिकाएं भी फर्जी निकली हैं।
इनमें से कई अंकतालिकाएं 2012, 2016, 2017, 2018 सत्र की हैं। इन अंकतालिकाओं का संस्थानों में रिकार्ड ही नहीं है। फर्जी अंकतालिका में मनमाने अंक दर्ज करवाकर कई बड़ी कंपनियों में युवा नौकरी कर रहे हैं। बीए वोकेशनल की अंकतालिका करने वाले दो युवा मथुरा में नौकरी कर रहे हैं, जिनकी तलाश में एसटीएफ मथुरा पहुंच चुकी है।
बीए वोकेशनल की आठ मार्कशीट फर्जी
बीए वोकेशनल की आठ अंकतालिकाएं फर्जी मिली हैं। इनकी सूची एसटीएफ को सौंप दी गई है। फर्जी अंकतालिका बनाने वाले गिरोह में विश्वविद्यालय के ही कर्मचारी भी शामिल हैं। पिछले दिनों दो कर्मचारी आइटीएचएम में भी सत्यापन कराने पहुंचे थे। आइटीएचएम के विभागाध्यक्ष प्रो. लवकुश मिश्रा ने बताया कि मुंबई हमलों के बाद भी फर्जी अंकतालिका का मामला प्रकाश में आया था। तब भी विश्वविद्यालय प्रशासन से रिकार्ड मांगा गया था, लेकिन आज तक रिकार्ड संस्थानों को उपलब्ध नहीं कराया गया है। फर्जी अंकतालिका का मामला सत्यापन कराने में खुला है। विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार लिखित में शिकायत की गई है।