School Fees Hike: कॉन्वेंट स्कूलों के पैकेज से पेरेंट्स परेशान, वेतन 25 हजार, पुस्तकों पर खर्च होंगे 14 हजार...कैसे चलेगा महीना
Agra News In Hindi अभिभावकों का स्पष्ट कहना है कि दुकानदार पैकेज में छूट मांगने दाम कम करने आदि की बात कहते ही तुरंत उत्तर देते हैं कि हमने स्कूल को 30 से 35 प्रतिशत का कमीशन दिया है अब इसमें छूट दी तो नुकसान हमारा होगा। स्कूल से कमीशन छोड़ने का पत्र ले आएं तो हम भी दाम कम कर देंगे।
जागरण संवाददाता, आगरा। दयालबाग निवासी विनय जैन एक निजी फर्म में 25 हजार रुपये में नौकरी करते हैं। बेटा बालूगंज स्थित कान्वेंट स्कूल में कक्षा तीन और बेटी कक्षा छह में पढ़ती है। दोनों की पुस्तक लेने दुकानदार के पास पहुंचें, तो हैरान रह गए।
दुकानदार ने 14 हजार रुपये का बिल थमा दिया। अब दोनों की फीस भी जाएगी। ऐसे में दो महीने का वेतन सिर्फ बच्चे की पुस्तक और शुल्क में चला जाएगा। ऐसे में घर खर्च कैसे चलेगा? उनके सामने सबसे बड़ा प्रश्न है।
विनय जैन अकेले व्यक्ति नहीं, उन जैसे तमाम अभिभावकों के सामने इस समय यही संकट मंडरा रहा है। स्कूलों में नया सत्र प्रारंभ होते ही पुस्तक, स्टेशनरी और यूनिफार्म के नाम पर दुकानदारों द्वारा बनाए गए छह से 12 हजार रुपये तक के पैकेज से उन्हें पग-पग पर ठग रहे हैं।
पैकेज को लेकर परेशान अभिभावक
अभिभावक पूरा पैकेज लेने को विवश हैं, एक भी सामान लेने से मना करते ही दुकानदार पूरा सामान वापस लेकर स्कूल में शिकायत करने की बात कहकर उन्हें लौटा रहे हैं। मजबूरी में अभिभावक मनमाने मूल्य पर सारा सामान खरीद रहे हैं। एकल बच्चों के अभिभावकों को अधिक समस्या नहीं, लेकिन जिनके दो या अधिक बच्चे हैं, उन्हें एक ही सामान तीन स्थान पर खरीदना पड़ रहा है और उसके लिए तीन जगह ही भुगतान करना पड़ रहा है। यदि वह पैकेज से किसी सामान को लेने की मना करते हैं, तो उन्हें कुछ भी नहीं दिया जाता।
यह बनाए हैं पैकेज
शहर के सभी कान्वेंट और पब्लिक स्कूलों की पुस्तकों के पैकेट की कीमत सुनकर अभिभावक हैरान हैं। सेंट पैट्रिक्स की यूकेजी की पुस्तकें व स्टेशनरी का पैकेज 5360 रुपये का और कक्षा एक का पैकेज 6350 रुपये का है, तो कक्षा छह का 8500 रुपये का।
सेंट पीटर्स का कक्षा चार का पैकेज 7400, आठवीं का 10200 रुपये का है। सेंट जार्जेज स्कूल यूनिट वन और टू की कक्षा तीन की पुस्तक व स्टेशनरी का पैकेज जहां 5990 रुपये का है, सेंट कानरेड्स की कक्षा पांच का पैकेज 9080 रुपये का है, तो कक्षा छह का पैकेज 7590 रुपये का। वहीं शहर के सभी पब्लिक स्कूल भी पीछे नहीं, उन्होंने भी अपने यहां यूकेजी से कक्षा 12वीं तक में जो पुस्तकें लगाई हैं, उनका पैकेज साढ़े चार हजार से आठ से 10 हजार रुपये तक का है।
छोटी कक्षाओं में लगाई 20 पुस्तक
अभिभावक इस बात को लेकर आक्रोश है कि पुस्तक व स्टेशनरी काम की हो, तो लेने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन यूकेजी से कक्षा तीन-चार के बच्चों की पढ़ने की क्षमता कितनी होगी? एक तरफ सरकार पुस्तकें रटने की जगह रचनात्मक शिक्षण पर जोर दे रही है, वहीं इन स्कूलों ने यूकेजी जैसी आरंभिक कक्षा में भी 19-19 पुस्तकें लगा दी हैं, जो 3700 रुपये की है। इसके साथ 700 रुपये की पांच तरह की एक्ससाइज बुक, साथ ही स्कूल की प्रार्थना पुस्तक भी लगा दी है।
क्या यूकेजी का बच्चा इतनी पुस्तकें पढ़ पाएगा? वहीं कक्षा एक में 5960 रुपये की 22 पुस्तकें, 910 रुपये की पांच तरह की एक्ससाइज बुक आदि लगाई हैं, कक्षा तीन में 4874 रुपये की 17 पुस्तकें हैं और स्टेशनरी के पर 1405 रुपये लिए जा रहे हैं, जबकि बाजार में वही स्टेशनरी आधे दाम में मिल सकती है।
बच्चों को सात अप्रैल से स्कूल भेजना है, पहले ही दिन से यूनिफार्म और पूरे बैग के साथ बुलाया है। ऐसे में मनमाने दाम पर सारा सामान खरीदना मजबूरी है। रूचि गोयल, अभिभावक।
बच्चों को अच्छी शिक्षा देना आज मजबूरी है। फीस कम करने की बोलने पर सस्ते स्कूल में पढाने का उलाहना मिल जाता है। वहां पढ़ाई अच्छी नहीं, ऐसे में मनमानी झेलनी ही पड़ेगी। नीतू माथुर, अभिभावक।
इस महीने घर का पूरा बजट प्रभावित हो गया है। इस महीने से साथ अगले महीने का हिसाब लगाकर चलना पड़ रहा है। यदि थोड़ा-थोड़ा बोझ आता, तो संभालना आसान होता। श्रुति पाराशर, अभिभावक।
दुकानदारों से पुस्तकों या यूनिफार्म के दाम कम करने की कहने पर वह स्कूल से लिखवाकर लाने की बोल देते हैं। ऐसे में हमें निरुत्तर होकर उनकी बात माननी पड़ती है। सौरभ वर्मा, अभिभावक।