पीड़ित बनकर पहुंचीं महिला सिपाहियों का काटा कलावा, बाइबिल भी पढ़वाई... ऐसे हुआ मतांतरण गिरोह का खुलासा
आगरा में प्रार्थना सभा में बीमारी ठीक करने का झांसा देने वाले पास्टर राजकुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। दो महिला सिपाहियों ने मरीज बनकर सबूत जुटाए। पास्टर राजकुमार मतांतरण का गिरोह चला रहा था और लोगों को ईसाई बनाता था। वह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए स्पेन दुबई और अमेरिका के लोगों से भी जुड़ा था। पुलिस ने उसे और उसके सात सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। प्रार्थना सभा में हर बीमारी का इलाज करने का झांसा देकर महफिल सजाने वाले पास्टर राजकुमार को पकड़ने से पहले दो महिला सिपाही साक्ष्य जुटाने पहुंची थीं। रविवार को पास्टर के घर पहुंचकर उन्होंने बीमारी ठीक करने को कहा।
इसके बाद पास्टर ने उनके माथे पर हाथ रखकर इलाज किया। साक्ष्य जुटाने के बाद वे वहां से निकल आईं।इसके बाद ही पुलिस ने पास्टर बने राजकुमार लालवानी और उसके सात सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। शाहगंज के केदार नगर में रहने वाला राजकुमार लालवानी मतांतरण कर ईसाई बनाने का गैंग संचालित कर रहा था।
साक्ष्य जुटाने को मरीज बनकर सादा कपड़ों में पहुंची थीं दो महिला सिपाही
जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने मामले की जांच एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी को दी। इसके बाद थाना स्तर पर गैंग को पकड़ने का काम शुरू हुआ। पास्टर बनने के बाद राजकुमार अपने घर में ही हर रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित करता था। इसमें आसपास के सिंधी समाज, जाटव और वाल्मीकि समाज के लोग शामिल होते थे।
अधिकांश महिलाएं होती थीं। इसलिए पुलिस ने आरोपित के खिलाफ साक्ष्य जुटाने को दाे महिला कांस्टेबल को सादा कपड़ों में सभा में भेजा।
पास्टर के केदार नगर स्थित घर में प्रार्थना सभा में किया था जा रहा था इलाज
उन्होंने पास्टर को बताया कि वे विवाहित हैं। बच्चे नहीं हो रहे हैं। पास्टर कहने लगा कि वह जो चाहती हैं वहीं होगा। ईशु पर भरोसा रखना पड़ेगा।सबसे पहले उसने कलावा तुड़वा दिया और माथे पर लगा टीका हटवा दिया। इसके बाद बाइबिल भी पढ़वाया।
महिला कांस्टेबलों के माथे पर हाथ रखकर उसने कथित उपचार किया। इसके बाद उन्हें वहां से जाने दिया।महिला कांस्टेबलों द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर ही बाद में पुलिस ने कार्रवाई की।
पास्टर राजकुमार के वाट्सएप ग्रुप पर जुड़े थे स्पेन,दुबई और अमेरिका के लोग
एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि पास्टर के वाट्सएप ग्रुप पर 86 लोग जुड़े थे। इसमें स्पेन, अमेरिका, दुबई के लोग भी शामिल थे। वे ऑनलाइन प्रार्थना सभा में भी शामिल होते थे। पास्टर को रुपये भी भेजते थे।
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