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    Agra News: फैक्ट्री में तिल और पाम ऑयल मिलाकर तैयार हो रहा था नकली देसी घी, नमूनों से हुई पुष्टि

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 11:11 AM (IST)

    देसी घी में तिल और पाम ऑयल एसेंस वनस्पति सहित अन्य की मिलावट की पुष्टि हुई है। यह घी किसी भी रूप में खाने योग्य नहीं है। दो जनवरी को पुलिस और खाद्य सु ...और पढ़ें

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    फैक्ट्री में सिर्फ नाम का देसी घी बन रहा था।

    जागरण संवाददाता, आगरा। कहरई मोड़ स्थित नीरज अग्रवाल की फैक्ट्री में सिर्फ नाम का देसी घी बन रहा था। देसी घी में तिल और पाम ऑयल, एसेंस, वनस्पति सहित अन्य की मिलावट की पुष्टि हुई है। यह घी किसी भी रूप में खाने योग्य नहीं है। 18 नामचीन ब्रांड के नकली देसी घी की आपूर्ति प्रदेश के 16 शहरों और हरियाणा, नई दिल्ली, बिहार, राजस्थान , जम्मू सहित सात राज्यों में हो रही थी।

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    दो जनवरी को पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने फैक्ट्री को सील कर दिया था। 13 नमूने लिए थे जिसमें घी के पांच नमूने असुरक्षित और पांच अधोमानक मिले हैं। एसीजेएम प्रथम और एडीएम सिटी कोर्ट में वाद दायर किए जा रहे हैं।

    फैक्‍ट्री में मारा था छापा

    पुलिस और एफएसडीए अधिकारियों ने दो जनवरी की दोपहर 12 बजे कहरई स्थित एक फैक्ट्री में छापा मारा था। ग्वालियर निवासी नीरज अग्रवाल और ब्रजेश अग्रवाल ने एक साल पूर्व फैक्ट्री को किराए पर लिया था। सात राज्यों और प्रदेश के 16 शहरों में ऑनलाइन नकली देसी घी की आपूर्ति की जा रही है।

    18 नामचीन कंपनियों के ब्रांड का हो रहा था प्रयोग

    इसके लिए 18 नामचीन कंपनियों के ब्रांड का प्रयोग किया जा रहा था। दस करोड़ रुपये के घी की बिक्री कर दी गई थी। पुलिस को डेढ़ करोड़ रुपये के घी की बिक्री के साक्ष्य भी मिले थे। एफएसडीए ने 13 नमूने लिए थे। इसमें लू घी भी शामिल था। लैब से अब घी के नमूनों की रिपोर्ट आ गई है।

    नकली देसी घी में शुद्ध घी का लग रहा था तड़का

    सहायक आयुक्त खाद्य शशांक त्रिपाठी ने बताया कि नकली देसी घी में शुद्ध देसी घी का तड़का लगाया जा रहा था। देसी घी के पांच नमूने असुरक्षित मिले हैं। इन सभी नमूनों का वाद एडीजे कोर्ट में चलेगा। पांच नमूने अधोमानक मिले हैं। इन नमूनों का वाद एडीएम सिटी कोर्ट में चलेगा।

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    इन पर दर्ज होगा मुकदमा

    देसी घी में तिल और पाम आयल, वनस्पति, आयोडीन की मात्रा अधिक होना, वसा की मात्रा अधिक होना, एसेंस की मिलावट करना प्रमुख रूप से शामिल है। यह मुकदमा मैनेजर राजेश भारद्वाज और श्याम जी डेयरी फूड प्रोडक्ट के निदेशक नीरज अग्रवाल पर होगा।

    यह है सजा का प्रविधान

    एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में असुरक्षित देसी घी के नमूनों का वाद चलेगा। कोर्ट द्वारा साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें तीन माह की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। एडीएम सिटी कोर्ट में अधोमानक देसी घी का वाद चलेगा। कोर्ट द्वारा साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें अधिकतम पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

    एफएसडीए ग्वालियर ने रद किया लाइसेंस

    एफएसडीए ग्वालियर द्वारा श्याम जी डेयरी फूड प्रोडक्ट के नाम पर लाइसेंस जारी किया था। नकली देसी घी का प्रकरण सामने आने के बाद एफएसडीए ने लाइसेंस को निरस्त कर दिया है। इसकी जानकारी अब स्थानीय अधिकारियों को दी गई है।

    प्योर इट प्योर घी खाने योग्य नहीं

    जांच में प्योर इट घी का नमूना असुरक्षित मिला है। यानी इस ब्रांड का घी खाने योग्य नहीं है। इसकी बिक्री सबसे अधिक ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्र में होती है।

    यह है रिपोर्ट

    असुरक्षित नमूने: इस श्रेणी में पांच नमूने शामिल हैं। देसी घी में वनस्पति, पाम आयल, तिल का आयल, फैट न होना शामिल है। आयोडीन की मात्रा कहीं अधिक मिली है। एसेंस की भी मिलावट की गई है। खाने योग्य नहीं है।

    अधोमानक नमूने: इस श्रेणी में पांच नमूने शामिल हैं। देसी घी में एसेंस को मिलाया गया है। रिफाइंड से लेकर विटामिन ए की कमी मिली है। एसिड वैल्यू भी अधिक मिला है।

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