Updated: Fri, 03 Oct 2025 03:09 PM (IST)
आगरा के उटंगन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। एसडीआरएफ की टीम घटना के छह घंटे बाद पहुंची जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। पुलिस की सतर्कता के दावों के बावजूद एसडीआरएफ की देरी ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी।
जागरण संवाददाता, आगरा। उटंगन नदी किनारे हुए हादसे ने प्रशासन की तैयारी की पोल खोल दी। हादसे के बाद ग्रामीण और स्वजन मदद के लिए चीखते रहे, लेकिन एसडीआरएफ की टीम हादसे के छह घंटे बाद मौके पर पहुंची।
इस बीच मौके पर पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। बचाव कार्य में देरी होने पर ग्रामीण उग्र हो गए और जाम लगाकर प्रदर्शन किया। उटंगन नदी में कुशियापुर के ग्रामीण मूर्ति विसर्जन के लिए पहुंचे थे। ग्रामीण डूंगरवाला गांव के पास विसर्जन कर रहे थे वहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। दोपहर डेढ़ बजे हादसे के बाद ग्रामीणों ने तत्काल सूचना पुलिस को दी।
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पीआरवी व थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ की टीम आने का आश्वासन दिया। शाम चार बजे तक जब एसडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंची तो ग्रामीण उग्र हो गई। इस बीच अधिकारियों से ग्रामीणों की झड़प हो गई। गुस्साए ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। समय के साथ ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ बढ़ती गई।
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इससे पुलिस अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। पीएसी के साथ ही आसपास के थानों से पुलिस फोर्स मौके पर बुलाया गया। हादसे के छह घंटे बाद शाम 7:30 बजे एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची तब जाकर तलाशी अभियान चालू हो सका।
खोखली साबित हुई पुलिस की तैयारी
विजयदशमी पर निकलने वाली विसर्जन यात्राओं को देखते हुए पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। डीसीपी व एसीपी के साथ ही थाना पुलिस, दमकल, जल पुलिस व एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया था।
बावजूद इसके खेरागढ़ में हुए हादसे के बाद एसडीआरएफ की टीम को मौके पर पहुंचने में छह घंटे लग गए। एसडीआरएफ टीम की देरी ने पुलिस की तैयारियों की पोल खोल दी।
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