उटंगन नदी में दुर्गा विसर्जन के दौरान कैसे डूब गए 13 लोग? सचिन ने बताया रोंगटे खड़े करने वाली कहानी
आगरा की उटंगन नदी में देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान 13 युवक डूबे जिसमें से सचिन बच निकला। सचिन ने बताया कि वे सब एक-दूसरे का हाथ पकड़े अंदर गए थे लेकिन अचानक डूबने लगे। हादसे का कारण 20 से 25 फीट गहरा गड्ढा था जो अवैध खनन से बना था। डूबने वालों में तीन की मृत्यु हुई जबकि बाकी लापता हैं।

अली अब्बास, आगरा। भय से पीला पड़ा चेहरा, आंखों में मौत का दृश्य और लरजती आवाज। मौत से हाथ छुड़ाकर आए सचिन की हालत को बयां कर रही थी। हम सभी 13 लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर नदी में उतरे थे। गगन, ओमपाल और मनोज सबसे आगे थे। हम नदी में अंदर 70 से 80 मीटर तक पहुंचे।
पानी हमारी कमर तक था। कुछ कदम आगे बढ़ते ही अचानक एक के बाद एक सभी नदी में डूबने लगे। हाथ पकड़े होने के चलते सभी एक-दूसरे को बचाने का प्रयास करने लगे। इसी दौरान एक झटके से मेरा हाथ पता नहीं कैसे छूट गया। जब तक कुछ समझता सभी साथी नदी में डूब चुके थे।
गांव कुसियापुर खेरागढ़ निवासी गगन, ओमपाल व मनोज को गुरुवार दोपहर मौत बाबू महाराज मंदिर के पास उटंगन नदी किनारे खींचकर ले गई। उनके साथ गांव के ही हरेश, विष्णु, अभिषेक, भगवती, दीपक, ओके व सचिन समेत अन्य साथी भी थे। यह सभी 13 मित्र पहले उटंगन नदी पुल के नीचे बने कुंड में विर्सजन के लिए गए थे।
वहां पहुंचने के बाद अचानक सभी ने अपना इरादा बदल दिया। कुंड से 200 मीटर दूर बाबू महाराज मंदिर के पास नदी में प्रतिमा विर्सजन बात करने लगे। पुलिस ने कहा कि वहां पर विसर्जन के लिए कुंड नहीं है। जिस पर गगन और ओमपाल ने कहा कि वह लोग राजस्थान कैला देवी जा रहे हैं। वहां पर जाकर विसर्जन करेंगे।
साथी सचिन ने बताया कि वहां से निकलने के बाद वह सभी बाबू महाराज मंदिर से आगे नदी की रपट पर पहुंचे। प्रतिमा विसर्जन के दौरान वह सभी एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे। अचानक सभी मित्र डूबने लगे। इस दौरान सभी एक दूसरे को बचाने का प्रयास कर रहे थे।
डूबने वाले साथियों को बाहर की ओर खींचने का प्रयास कर रहे थे। सब कुछ इतना पलक झपकते हुआ कि किसी को कुछ समझ में नहीं आया। पता नहीं कैसे उसका हाथ अचानक एक झटके में छूट गया।
बाबू महाराज मंदिर किनारे पहली बार आया था इतना पानी
ग्रामीणों का कहना था कि बाबू महाराज मंदिर के पास उटंगन नदी में इस बार इतना पानी आया है। मंदिर तक का मार्ग कुछ महीने पहले ही पक्का कराया गया है। जिसके चलते नदी किनारे तक आवागमन पहले से आसान हो गया है। इससे पहले मंदिर के पास पानी काफी कम रहता था।
खनन करने वालों द्वारा जेसीबी से खोदाई के चलते जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। बचाव कार्य में जुटी पुलिस और लोगों ने बताया कि जहां पर हादसा हुआ, वहां 20 से 25 फीट गहरा गड्ढा था। जिसके चलते सभी युवक उसमें डूबते चले गए।
बेटों को लेकर प्रार्थना करते रहे स्वजन
नदी में एक साथ 13 लोगों के डूबने की जानकारी होने पर पूरा गांव मौके पर जुट गया था। स्वजन अपने बच्चों के जीवन की प्रार्थना कर रहे थे। कई घंटे तक बेटों का पता नहीं चलने पर प्रार्थना करती महिलाओं का धैर्य टूटने लगा। नदी में उतरे गोताखोरों को खाली हाथ बाहर आते देख महिलाओं की प्रार्थना चीत्कार में बदलने लगीं।
नदी में उतरे युवक एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे। एक दूसरे को बचाने का प्रयास किया था। एक साथी सचिन का हाथ छूटने से वह बचकर बाहर आ गया था।
- अतुल शर्मा डीसीपी पश्चिमी जोन
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।