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    आगरा में 50 परिवारों को मतांतरित कर बना दिया ईसाई, सरगना समेत आठ गिरफ्तार

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 09:46 PM (IST)

    आगरा में प्रार्थना सभा की आड़ में ईसाई मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ। गिरोह ने त्वचा रोग से लेकर कैंसर तक के उपचार और नौकरी का लालच देकर 50 परिवारों को ईसाई बनाया। सरगना राजकुमार समेत आठ लोग गिरफ्तार। राजकुमार चार साल पहले महाराष्ट्र में मतांतरण कर पास्टर बना था। पुलिस को देश और विदेश से फंडिंग की आशंका है।

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    आगरा में 50 परिवारों को मतांतरित कर बना दिया ईसाई।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, आगरा। प्रार्थना सभा में हर मर्ज की दवा देने की आड़ में एक बड़ा ईसाई मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के सदस्यों ने त्वचा रोग से लेकर कैंसर तक का उपचार और नौकरी का प्रलोभन देकर 50 परिवारों को मतांतरित कर ईसाई बना दिया। गिरोह प्रार्थना सभा के माध्यम से लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था। समाज के लोगों की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाकर सरगना समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

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    चार साल पहले महाराष्ट्र में मतांतरण कर पास्टर बनकर लौटा सरगना राजकुमार लालवानी घर-घर प्रार्थना सभाएं आयोजित कर मतांतरण कराने लगा। घरों से देवी देवताओं की प्रतिमाएं हटवाकर ईशु की प्रार्थना शुरू करवा दी। इसका यू-ट्यूब चैनल भी है, जिसपर सरगना की प्रार्थना सभा और उससे कथित रूप से ठीक हुए लोगों के वीडियो अपलोड हैं। राजकुमार पांच राज्यों में नेटवर्क को फैला चुका था।

    पुलिस ने देश और विदेश से फंडिंग की आशंका जताई है। यह किस मिशनरी संगठन से जुड़ा था, इसकी अभी जानकारी नहीं हो सकी है। जुलाई में सदर बाजार के जूता कारोबारी की लापता दो बेटियों की बरामदगी से बड़े मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। इसमें युवक-युवतियों को मुसलमान बनाया गया। देश विदेश तक फैले इस नेटवर्क का सरगना दिल्ली का रहने वाले अब्दुल रहमान समेत 15 आरोपित जेल में हैं। पुलिस जिस समय अब्दुल रहमान के नेटवर्क को खंगालने में जुटी थी, उसी समय मतांतरण का एक और नेटवर्क चल रहा था। एक व्यापारी ने पुलिस को सूचना दी कि शाहगंज क्षेत्र में राजकुमार लालवानी नाम का व्यक्ति अपने घर केदार नगर में प्रार्थना सभा आयोजित करवा रहा है। इसमें सिंधी, जाटव और वाल्मीकि समाज के पुरुष, महिलाएं और युवतियां शामिल होती हैं।

    इसके बाद पुलिस ने गोपनीय तरीके से जांच शुरू कर दी। महिला सिपाहियों को बीमार और निर्धन बताकर प्रार्थना सभा में भेजकर साक्ष्यों का जुटाना शुरू किया गया। सामान्य महिला बनकर प्रार्थना सभा में शामिल हुई कांस्टेबलों ने बताया कि राजकुमार ईशु के प्रार्थना के जरिए रोगों से मुक्ति का दावा कर मूर्ति पूजा से दूर रहने को कहता है। हाथ में बंधे कलावे और टीके भी हटवा देता है। मजबूत साक्ष्य जुटाने के बाद एसीपी मयंक तिवारी के नेतृत्व में पुलिस ने मंगलवार शाम दबिश दी। उसके साथ सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं। छापे में बरामद एक रजिस्टर में 50 परिवारों के नाम लिखे हैं। माना जा रहा है कि इनका मतांतरण कराया जा चुका है।

    डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राजकुमार ने चार साल पहले महाराष्ट्र के उल्हासनगर में मतांतरण किया था। उसके गिरोह के सदस्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को झांसा देकर अपने पास लाते थे। राजकुमार चर्च आफ गाड नाम का एक वाट्सएप ग्रुप और यू-ट्यूब चैनल भी चलाता था। उसके घर से ईसाई धर्म से संबंधित साहित्य और दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

    पांच राज्यों में फैला है नेटवर्क

    डीसीपी ने बताया कि सरगना राजकुमार के मोबाइल में उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब के लोगों के नंबर मिले हैं। चर्च आफ गाड आगरा नाम के यू-ट्यूब चैनल पर इन राज्यों के लोगों के कई वीडियो है, जो प्रार्थना सभा से होने वाले लाभ की जानकारी दे रहे हैं।

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