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    सरकार भले ही इनकार करे लेकिन आगरा लैब ही करती है विस्फोटक की जांच

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Wed, 19 Jul 2017 11:26 AM (IST)

    उप्र पुलिस की वेबसाइट जो कहती है, उससे जांच आगरा में ही होनी चाहिए, वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार विस्फोटकों की जांच का कार्यक्षेत्र सिर्फ आगरा फोरेंसिक लैब का ही है

    सरकार भले ही इनकार करे लेकिन आगरा लैब ही करती है विस्फोटक की जांच

    आगरा (जागरण संवाददाता)। सरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले विस्फोटक पदार्थ की जांच आगरा की जगह लखनऊ में कराने की बात कर रही है। वहीं उप्र पुलिस की वेबसाइट जो कहती है, उससे जांच आगरा में ही होनी चाहिए। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार विस्फोटकों की जांच का कार्यक्षेत्र सिर्फ आगरा फोरेंसिक लैब का ही है।

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    उप्र पुलिस की आगरा लैब की स्थापना अंग्रेजी शासनकाल में हुई थी। उस वक्त इसे केमिकल एग्जामिनर लैब के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद 70 के दशक में इसे फोरेंसिक लैब के रूप में स्थापित किया गया। इसके साथ ही जांच के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

    आगरा और लखनऊ की फोरेंसिक लैब में सात सेक्शन खोले। इनमें फिजिक्स, डॉक्यूमेंट्स, बैलेस्टिक, केमिस्ट्री, टॉक्सीकोलॉजी, बॉयोलॉजी और सीरोलॉजी थे। विस्फोटक पदार्थों की जांच के लिए आगरा में लेबोरेटरी स्थापित की गई। तीन दशक से यहां की लैब में ही उप्र में होने वाले किसी भी विस्फोटक की जांच होती है। पिछले कुछ सालों में देखें तो वाराणसी में बम धमाके, फैजाबाद कचहरी समेत कई धमाकों के बाद विस्फोटक पदार्थ की जांच आगरा लैब में ही की गई।

    छह साल पहले शहर न्यू आगरा बाइपास स्थित जय हॉस्पिटल में बम धमाके की जांच भी इसी लैब में हुई। मामले पर पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो किसी ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया।

    वैज्ञानिकों ने साधी चुप्पी: विधानसभा में मिले विस्फोटक पाउडर के नमूने आगरा फोरेंसिक लैब भेजने से शासन की ओर से इनकार किए जाने के बाद यहां के वैज्ञानिकों ने चुप्पी साध ली। लैब में पूरे दिन अंदर ही अंदर अफरातफरी मची रही। सूत्रों का कहना है कि सोमवार सुबह से लेकर शाम तक लैब के एक्सप्लोसिव सेक्शन में वैज्ञानिकों की टीम विस्फोटक पदार्थ की जांच करती रही थी।

    महत्वपूर्ण है जांच: अमूमन उन्हीं मामलों में वैज्ञानिक देर तक काम करते हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और जिनकी रिपोर्ट शासन द्वारा तत्काल मांगी जाती है। यह भी ऐसा ही मामला है। वैसे बम विस्फोट और विस्फोटक पदार्थों से संबंधित लगभग सभी जांच आगरा लैब में अब तक की जाती रही हैं। मंगलवार को लैब के बाहर मीडिया कर्मियों ने डेरा डाल रखा था। इसके चलते वरिष्ठ वैज्ञानिक कार्यालय आए और सवालों से बचने को धीरे से लौट गए। उन्होंने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए।

    लखनऊ जा सकती है टीम: सूत्रों के अनुसार जांच के लिए यहां के वैज्ञानिकों की टीम लखनऊ भी जा सकती है। टीम वहां के परीक्षण के बाबत रिपोर्ट हासिल करेगी।

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    जांच टीम में विष वैज्ञानिक भी: विभागीय सूत्रों के अनुसार नमूनों की जांच के लिए वहां के संयुक्त निदेशक एके मित्तल ने जो टीम बनाई है, उसमें विष वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इसमें उप निदेशक केके वर्मा, सुरेंद्र यादव, डा. अजय कुमार, जयराजवीर और प्रमोद कुमार शामिल हैं।

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