मांस से भरी गाड़ी थाने से छोड़े जाने से हिंदू संगठन आक्रोशित, नगर निगम और पुलिस में विवाद
आगरा में राष्ट्रीय बजरंग दल ने मांस से भरी गाड़ी पकड़कर पुलिस को दी, जिसे पुलिस ने बाद में छोड़ दिया। इससे हिंदू संगठन आक्रोशित हैं। नगर निगम इसे अवैध बता रहा है और कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस पर डाल रहा है, जबकि पुलिस का कहना है कि गाड़ी के दस्तावेज पूरे थे और निगम अधिकारी मौके पर नहीं आए। बजरंग दल ने मुकदमा दर्ज न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, आगरा। हिंदू संगठन राष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा मांस से भरी गाड़ी पकड़ कर थाना छत्ता पुलिस को देने के बाद थाने से छोड़ने के प्रकरण में विवाद बढ़ता चला जा रही है। नगरनिगम मांस सप्लाई को अवैध बताकर कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस पर डाल रहा है।
वहीं, पुलिस गाड़ी के दस्तावेज पूरे होने और सूचना पर नगरनिगम के अधिकारी के न आने के कारण गाड़ी छोड़ने की बात कह रही है। इन सबके बीच में राष्ट्रीय बजरंग दल मुकदमा न होने पर आंदोलन करने और पुलिसकर्मियों की पुलिसआयुक्त से शिकायत करने की चेतावनी दे रहा है।
मंगलवार की सुबह छह बजे राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्ता थाना क्षेत्र में एक लोडिंग वाहन में कच्चा मांस लेकर जाते हुए एक व्यक्ति को पकड़ा था। राष्ट्रीय बजरंग दल के रौनक ठाकुर ने बताया कि गाड़ी की वास्तविक बनावट से छेड़छाड़ कर उसपर पीछे माल रखने के लिए डिब्बा बनाया गया था।
मानकों के अनुसार, आरटीओ से अनुमति प्राप्त वाहन से ही सप्लाई की जा सकती थी। दूसरे शहर से मांस लाकर सप्लाई करना भी वैध नहीं है। पुलिस ने मांस के सैंपल भी नहीं भरवाए और गाड़ी को छोड़ दिया। थाना पुलिस द्वारा संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की गई।
गाड़ी लेकर आए व्यक्ति का कुछ दिन पहले पुलिस के एक अधिकारी के साथ फोटो प्रसारित हुआ था। पुलिस के किसी बड़े अधिकारी व थाना पुलिस द्वारा साठ गांठ करके गाड़ी छोड़ी गई है। 48 घंटे के अंदर मुकदमा पंजीकृत नहीं होता है तो थाना पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय बजरंग दल उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।
मामले में संगठन के महानगर उपाध्यक्ष सुनील प्रजापति ने बताया कि फोन पर ही पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी नगर निगम डा अजय कुमार सिंह को जानकारी दी तो उन्होंने नगर निगम सीमा में गैर जनपद से मांस की सप्लाई करना अवैध बताया है।
वहीं, नगर आयुक्त अंकित खेडेलवाल का कहना है कि निगम मांस की दुकानों को लाइसेंस भी नहीं देता है,लाइसेंस एफएसडीए से जारी होते हैं। कार्रवाई करना पुलिस का काम है, पूर्व में भी पुलिस अधिकारियों को पत्राचार कर अवगत कराया जा चुका है।
नगर निगम का स्लाटर हाउस बंद होने के चलते जूनी ट्रेडर्स को आगरा में कच्चे मांस की सप्लाई की अनुमति 2024 में दी गई है। अन्य पर गैर कानूनी तरीके से सप्लाई के संदर्भ में पुलिस सहायता हेतु पत्र लिखा गया था।
पूरे प्रकरण पर एसीपी छत्ता शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि गाड़ी मालिक के पास मांस लाने और वाहन संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध थे। नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी को सैंपल लेने और कार्रवाई के लिए फोन कर बुलाया गया था पर वह नहीं आए। नगर निगम अगर कहीं कार्रवाई करना चाहता है तो सूचना दे, सुरक्षा के लिए पुलिसबल मुहैया कराया जाएगा।

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