Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:47 PM (IST)
आगरा में चंबल नदी में आई बाढ़ से बाह तहसील के 25 से अधिक गांवों में तबाही मची। दो हजार हेक्टेयर से अधिक फसलें नष्ट हो गईं जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। तहसील प्रशासन ने सर्वे कर रिपोर्ट डीएम को भेज दी है और अब ग्रामीणों को मुआवजे का इंतजार है। रेलवे ने यमुना पुलों पर ट्रेनों की गति कम की।
संवाद सूत्र, बाह (आगरा)। गुरुवार को तीसरी बार चंबल के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। तीन मीटर की बढ़ोतरी के साथ जलस्तर 124 मीटर पर पहुंच गया।
इससे पहले पिछले माह चंबल नदी में आई बाढ़ ने बाह तहसील के 25 से अधिक गांवों में तबाही मचाई थी। फसल से लेकर पशुओं और मकानों तक भारी नुकसान हुआ। तहसील प्रशासन ने सर्वे पूरा कर लिया है। सर्वे के अनुसार पहली बार आई बाढ़ से दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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दो हजार हेक्टेयर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। ग्रामीणों को अब मुआवजा का इंतजार है। अगस्त के पहले सप्ताह में पहली बार चंबल में बाढ़ आई थी। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरनापुरा, क्योंरीपुरा, डोगरा, रेहा, कछियारा, सिमराही, गोसिली समेत तीन दर्जन गांव बुरी तरह प्रभावित रहे।
इन गांवों की करीब दो हजार हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें पानी में डूब गईं। इससे न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया बल्कि पशुओं के चारे तक का संकट खड़ा हो गया। रिपोर्ट में सामने आया कि 1850 हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। दर्जनभर से अधिक मकान गिर गए। कई पशु बाढ़ में बह गए।
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यमुना नदी में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को सचेत करते बटेश्वर पुलिस चौकी के जवान
तहसीलदार संपूर्ण कुलश्रेष्ठ ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है। बाढ़ प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उधर, गुरुवार को चंबल नदी के जलस्तर में तीन मीटर की बढ़ोतरी हुई।
जलस्तर 124 मीटर पर पहुंच गया। कोटा बैराज से लगातार चंबल में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में जलस्तर में दो से चार मीटर तक और बढ़ोतरी हो सकती है। इससे तटवर्ती गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है।
दो बार बाढ़ की मार झेल चुके रेहा के प्रधान अजय कौशिक ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने से पूरे गांव के लोग परेशान हैं। फसलें पहले ही चौपट हो चुकी है। रास्तों में कीचड़ भरा है। ऊपर से बारिश लगातार होने से अपने और पशुओं के लिए भरपेट भोजन के लाले पड़े हुए हैं।
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किसानों से जानकारी लेते विधायक डॉ धर्मपाल सिंह साथ हैं एसडीएम सुमित कुमार सिंह
ट्रेनों की गति को किया गया धीमा
रेलवे ने यमुना नदी पर बने पुलों की गति को कम कर दिया है। अभी तक 10 से 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें गुजरती थीं। जिसे घटाकर अब पांच से 10 किमी कर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि नए पुल, स्ट्रेची ब्रिज सहित अन्य की नियमित अंतराल में जांच की जा रही है
उटंगन नदी का भी बढ़ रहा जलस्तर
उटंगन नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खेरागढ़ तहसील के कुल्हाड़ा सहित दो मार्ग में पानी भरा हुआ है। इससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में जलस्तर में दो से पांच मीटर की और बढ़ोतरी होगी।
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