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Mount Everest के बेस कैंप तक पहुंचे आगरा के डेंटल सर्जन, 5364 मीटर है ऊंचाई, ट्रैकिंग के दिए टिप्स

Mount Everest डेंटल सर्जन डा. एनएस लोधी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचने वाले आगरा के इकलौते चिकित्सक हैं। बेस कैंप की ऊंचाई 5364 मीटर है। यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी फिटनेस होना जरूरी है। यूपी से वे अकेले थे।

By Prabhjot KaurEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Tue, 04 Oct 2022 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 08:28 PM (IST)
Mount Everest के बेस कैंप तक पहुंचे आगरा के डेंटल सर्जन, 5364 मीटर है ऊंचाई, ट्रैकिंग के दिए टिप्स
माउंट एवसेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचने आगरा के डेंटल सर्जन

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के डेंटल सर्जन डा. एनएस लोधी (41) ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। बेस कैंप तक पहुंचने वाले वे आगरा के पहले चिकित्सक हैं।इस बेस कैंप की ऊंचाई 5364 मीटर है।

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एवरेस्ट के बेस कैंप के लिए कर रहे थे तैयारी

फतेहाबाद रोड पर अपना क्लीनिक चलाने वाले डा. लोधी बेस कैंप के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहे थे। हर रोज लगभग 25 किलोमीटर साइकिल चलाते थे। कार्डियो एक्सरसाइज करते थे, जिसमें ट्रेडमिल पर वजन बांधकर दौड़ते थे। मेडिटेशन करते थे। डा. लोधी ने बताया कि बेस कैंप के लिए वे 17 सितंबर को काठमांडू पहुंचे थे। काठमांडू के लकूला से 18 सितंबर को ट्रैकिंग शुरू हुई। 26 सितंबर को बेस कैंप पहुंचे, एक अक्टूबर को नीचे पहुंचे। दो अक्टूबर को आगरा वापस आए।

एवरेस्ट पर आक्सीजन होने लगती है कम

डा. लोधी ने बताया कि ट्रैकिंग के दौरान कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं। इतनी ऊंचाई पर पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। आक्सीजन कम होती है तो सांस लेने में दिक्कत होती है। ट्रैकिंग के दौरान मेडिकल टीम और शेरपा चलते हैं, जो नियमित स्वास्थ्य की जांच करते रहते हैं। डा. लोधी पिछले साल मनाली से खारदुंगला पास तक 550 किलोमीटर साइकिल चला कर गए थे। रूपकुंड ट्रैक भी कर चुके हैं।

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अब माउंट एवरेस्ट जाने की तैयारी

एक-दो साल तैयारी के बाद वे माउंट एवरेस्ट पर जाना चाहते हैं। डा. लोधी ने बताया कि ट्रैकिंग वाले समूह में उनके साथ 18 लोग थे, जिसमें से उत्तर प्रदेश से वे अकेले थे। बेस कैंप तक केवल तीन लोग ही पहुंच पाए। डा. लोधी आगरा डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • बेस कैंप पर जाने से एक साल पहले तैयारी शुरू कर दें।
  • कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करें।
  • ट्रैकिंग में पाचन क्रिया धीमी होने से फाइबरयुक्त भोजन न करें।
  • चार से पांच लीटर पानी पिएं वर्ना रात में पूरे शरीर में जकड़न होती है।
  • हर रोज एक पैकेट इलेक्ट्रोल का पीना पड़ता है।
  • सिर दर्द और उल्टी की शिकायत होती है, इसके लिए दवाएं लेनी नियमित लें।
  • बेबी फुट लेने होते हैं, जिससे थकावट न हो और सांस न चढ़े।
  • दिन में 12-एक बजे तक ही ट्रैकिंग हो पाती है। उसके बाद मौसम बदल जाता है, बर्फबारी शुरू हो जाती है। उस हिसाब से कपड़े, जूते और जैकेट आदि लेकर जाएं।

आता है डेढ़ लाख का खर्चा

बेस कैंप के लिए दो परमिट लेने होते हैं, जिनकी फीस 3700 रुपये है। काठमांडू तक जाने और आने का खर्चा, कपड़े आदि का खर्चा मिलाकर लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्चा होता है। 


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