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    फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण: न जांच बढ़ी न हुई गिरफ्तारी, अब लखनऊ एसटीएफ को ट्रांसफर हुई विवेचना

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 07:41 AM (IST)

    आगरा में शस्त्रों की अवैध खरीद-फरोख्त और फर्जी लाइसेंस बनाने के मामले में एसटीएफ की जांच धीमी गति से चल रही थी। तीन महीने बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। अब विवेचना लखनऊ एसटीएफ को ट्रांसफर कर दी गई है क्योंकि जांच अधिकारी बीमार हैं। लखनऊ एसटीएफ ने आरोपियों को नोटिस जारी कर सहयोग मांगा है।

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    Agra News: प्रस्तुतीकरण के लिए फाइल फोटो का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। शस्त्रों की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त व फर्जीवाड़ा कर शस्त्र लाइसेंस तैयार करने के सनसनीखेज मामले में एसटीएफ की जांच शुरू से ही धीमी गति से चली थी। आरोपितों को कोर्ट से बचाव का पूरा मौका दिया गया।

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    तीन माह पूरे होने को मगर, अभी तक विवेचना में तथ्य संकलन पूरा नहीं हो सका और न ही इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने से पहले तक किसी की गिरफ्तारी की गई। अब मामले की विवेचना एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ को स्थानांतरित कर दी गई है। एसटीएफ के अधिकारी विवेचक के गंभीर रूप से बीमार होने के कारण विवेचना ट्रांसफर करने की बात कह रहे हैं।

    एसटीएफ इंस्पेक्टर ने नाई की मंडी थाने में 24 मई को दर्ज कराया गया था केस

    आगरा में फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा की जांच रिपोर्ट के बाद नाई की मंडी थाने में 24 मई को धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और आर्म्स एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें नेशनल शूटर मोहम्मद अरशद, कॉरपेट कारोबारी मोहम्मद जैद, प्रॉपर्टी डीलर भूपेंद्र सारस्वत, राजेश बघेल, शिव कुमार सारस्वत टीवी चैनल के पत्रकार शोभित चतुर्वेदी और शस्त्र लिपिक संजय कपूर नामजद हैं।

    तीन महीने बीतने को हैं

    तीन महीने बीतने को हैं, लेकिन अभी तक इस मामले की जांच नहीं हो सकी है। जांच की धीमी रफ्तार और आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर एसटीएफ इंस्पेक्टर के वादी होने के बाद भी एसटीएफ आगरा यूनिट पर आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में इस मामले की विवेचना एसटीएफ लखनऊ को ट्रांसफर कर दी गई है।

    विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर बीमार

    विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर हुकुम सिंह गंभीर रूप से बीमार हैं। इस कारण वह कार्य करने की स्थिति में नहीं हैं। जबकि दूसरे इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा वादी हैं, ऐसे में वह जांच नहीं कर सकते हैं। इस कारण विवेचना को ट्रांसफर किया गया है। चर्चा है कि आरोपितों विवेचना लखनऊ ट्रांसफर कराने के प्रयास किए थे।

    आरोपितों को जारी किए गए नोटिस

    लखनऊ एसटीएफ के इंस्पेक्टर ने विवेचना प्राप्त कर ली है। उन्होंने जांच शुरू कर दी है। दो दिन पहले ही उन्होंने सभी आरोपितों को नोटिस जारी किए हैं। विवेचना में सहयोग करने व जरूरी कागजात मुहैया कराने की बात नोटिस के माध्यम से कही गई है। इससे पहले आगरा के जांच अधिकारी ने भी जरूरी कागजात आरोपितों ने मांगे थे। उस समय आरोपितों न न तो अपना पक्ष एसटीएफ के सामने रखा और न ही किसी तरह के कागजात जांच अधिकारी को उपलब्ध कराए थे।

    उक्त मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर की तबीयत गंभीर रूप से खराब है। उनका दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं दूसरे इंस्पेक्टर वादी हैं, ऐसे में वह जांच नहीं कर सकते हैं। इस कारण विवेचना लखनऊ यूनिट को स्थानांतरित की गई है। राकेश यादव, अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आगरा यूनिट

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