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    Agra Best Places: कम टाइम में देख सकते हैं आगरा की ये 10 खूबसूरत जगहें

    Short Trip Agra आगरा आ रहे हैं और कम टाइम है तो कुछ ऐतिहासिक स्मारक एक ही दिन में घूमने का प्लान बना सकते हैं। वैसे तो आगरा में सभी स्मारक दर्शनीय हैं। लेकिन ताजमहल के साथ-साथ ऐसी जगह हैं जो जल्दी देखी जा सकती हैं।

    By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Sun, 24 Jul 2022 05:55 PM (IST)
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    Short Trip Agra: आगरा में ताजमहल के साथ कई अन्य स्मारकों को देख सकते हैं।

    आगरा, जागरण टीम। आगरा आ रहे हैं और समय कम है तो इस लेख के जरिए आपकी ट्रिप सुविधाजनक हो सकती है। आगरा में ताजमहल देखने पूरे विश्व से लोग आगरा आते हैं।

    1- मेहताब बाग

    यमुना पार मेहताब बाग से ताजमहल का व्यू सबसे अच्छा है। शाहजहां स्वयं यहीं से ताजमहल देखा करता था। कोरोना मेहताब बाग से रोजाना सैकड़ों पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचते हैं। यहां से सूर्यास्त के समय ताजमहल का सौंदर्य देखते ही बनता है। हालांकि, कुछ इतिहासकार इसे बाबर द्वारा यमुना किनारा बनवाए गए प्रारंभिक बागों में से एक बताते हैं।

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    2- बेबी ताज (एत्माद्दौला)

    एत्माद्दौला को पर्यटन क्षेत्र में बेबी ताज के नाम से जाना जाता है। इसे ताजमहल के निर्माण के लिए प्रेरणा देने वाला बताया जाता है। इसमें पच्चीकारी व पेंटिंग का आकर्षक काम है, जो बरबस ही ध्यान खींचता है। मुगल साम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता मिर्जा ग्यास बेग की स्मृति में एत्माद्दौला का निर्माण कराया था।

    3- आगरा किला

    आगरा किला काफी प्राचीन है। यह ईंटों का बना हुआ था और चौहान राजाओं के अधिकार में था। इतिहास में इसका उल्लेख सबसे पहले 1080 ईस्वी में गजनी की सेना द्वारा इसे जीतने का मिलता है। सिकंदर लोधी पहला सुल्तान था, जो इस किले में रहा। वर्ष 1517 में उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्र इब्राहीम लोदी ने यहीं से शासन किया।

    बाबर की जीत के बाद मुगलों के अधिकार में आया आगरा किला

    वर्ष 1526 में पानीपत के युद्ध में बाबर की जीत के बाद यह मुगलों के अधिकार में आया। यहीं पर 1530 में हुमायूं का राज्याभिषेक हुआ। अकबर ने इसे 1565 से 1573 के बीच पत्थरों से बनवाया था। यहां जहांगीर, शाहजहां, औरंगजेब और ब्रिटिश काल में काफी काम कराए गए। आगरा किला में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मुसम्मन बुर्ज, शीश महल, जहांगीरी महल देखने योग्य हैं। हालांकि, मुसम्मन बुर्ज, शीश महल और मोती मस्जिद पर्यटकों के लिए बंद हैं।

    4- सिकंदरा का मकबरा

    आगरा के सिकंदरा में मुगल शहंशाह अकबर का मकबरा है। स्वयं अकबर द्वारा ने जीवन काल में इसे बनवाना शुरू कर दिया था। उसकी मृत्यु के बाद इसे जहांगीर ने पूरा कराया। यहां के उद्यान में कुलांचे भरते हिरण बरबस ध्यान खींचते हैं। ब्रिटिश काल में हिरणों का एक जोड़ा यहां लाया गया था। आज यहां छह दर्जन से अधिक हिरण हैं।

    5- फतेहपुर सीकरी

    आगरा शहर से करीब 35 किमी दूर फतेहपुर सीकरी मुगल शहंशाह अकबर द्वारा बसाया गया शहर है। यह वर्ष 1570-85 तक करीब 15 वर्षों तक अकबर की राजधानी रहा था। यहां बुलंद दरवाजा, पंच महल, अनूप तालाब समेत कई आकर्षण हैं। सूफी शेख सलीम चिश्ती की दरगाह हिंदू-मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।

    6- सूर सरोवर पक्षी विहार

    सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां अक्टूबर से मार्च के मध्य कई देशों की सरहदें पार कर पक्षी आते हैं। उन्हें देखने पर्यावरण और पक्षी प्रेमी पहुंचते हैं। सात वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में स्थित झील में बोटिंग का आकर्षण भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध है। यहां भालू संरक्षण केंद्र भी है। जहां एसओएस द्वारा कलंदरों से मुक्त कराए गए भालुओं को प्राकृतिक माहौल उपलब्ध कराया गया है। यहां भक्ति कवि सूरदास की साधना स्थली भी है।

    7- ताज नेचर वॉक

    ताज की पूर्वी दिशा में ताज नेचर वॉक है। हरियाली के बीच यहां से ताजमहल के बेहद दिलकश नजारे नजर आते हैं। यहां कृत्रिम झील के साथ बच्चों के लिए झूले आदि भी लगे हुए हैं।

    8- स्वामीबाग, दयालबाग

    राधास्वामी मत के प्रवर्तक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज की पवित्र समाध स्वामीबाग में है। इसमें हो रहा कार्विंग का काम ताजमहल को चुनौती देता नजर आता है। वर्ष 2018 में स्वामीजी महाराज के द्वि-शताब्दी वर्ष समारोह पर इसका गुंबद व कलश बनकर तैयार हुआ था। यहां कोई प्रवेश शुल्क लागू नहीं है। 

    9- गुरुद्वारा गुरु का ताल और माईथान

    गुरुद्वारा गुरु का ताल और माईथान सिख धर्म के आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। गुरुद्वारा गुरु का ताल वो स्थल है, जहां से गुरु तेग बहादुर ने गिरफ्तारी दी थी। वहीं, गुरुद्वारा माईथान में वो दो बार आए थे। लोहामंडी गुरुद्वारा में गुरु नानक देव आए थे। 

    10- जामा मस्जिद समेत कई दरगाह

    जहांआरा द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद के अलावा यहां शाही ईदगाह समेत कई दरगाह हैं। जहां अकीदतमंदों की भीड़ रहती है। अबुल उल्लाह की दरगाह, शेरजंग, कलाल खेरिया, दरगाह मरकज साबरी आदि में अकीदतमंद मुराद मांगते हैं।

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