न्यूजीलैंड के VPN से भेजा गया था मेल, एयरपोर्ट उड़ाने की धमकी के मामले में साइबर सेल को मिले सुराग
एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद पुलिस और साइबर सेल जांच में जुटी है। धमकी भरा मेल न्यूजीलैंड के वीपीएन से भेजा गया था। एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस पूर्व में मिली धमकियों की भी जांच कर रही है जिसमे माइक्रोसॉफ्ट से जानकारी मांगी गई है जो अभी तक नहीं मिली है। वीपीएन के इस्तेमाल से भेजने वाले की पहचान मुश्किल है।

जागरण संवाददाता, आगरा। एयरपोर्ट को बम से उड़ाने का धमकी भरा मेल भेजने के लिए वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल किया गया था। शुरुआती जांच में न्यूजीलैंड के वीपीएन से मेल आने की बात सामने आई है। सोमवार को भी एयरपोर्ट पर विशेष सतर्कता बरती गई। एयरपोर्ट परिसर में तलाशी अभियान चलाया गया। वहीं यात्रियों व सामान की सघनता के साथ चेकिंग की गई।
रविवार को आगरा एयरपोर्ट को उड़ाने का धमकी भरा मेल एयरपोर्ट अर्थोरिटी को भेजा गया था। रविवार रात टर्मिनल मैनेजर अनुष्का सिंह और मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुकृति निगम की ओर से थाना शाहगंज में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। थाना पुलिस के साथ ही साइबर सैल मामले की जांच में जुटी है।
एयरपोर्ट पर दूसरे दिन भी बरती गई विशेष सतर्कता
डीसीपी सिटी जांच की निगरानी कर रहे हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि न्यूजीलैंड के वीपीएन के जरिए धमकी भरा मेल भेजा गया है। आगरा के अलावा देश के कई अन्य एयरपोर्ट पर भी इसी तरह का मेल पहुंचा है। ऐसे में सभी एयरपोर्ट की जांच एजेंसियां अपनी-अपनी जांच को एक-दूसरे के साथ साझा कर रही हैं। ईमेल भेजने में वीपीएन का इस्तेमाल किया गया। इस कारण मेल भेजने वाले की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। मामले में जांच जारी है।
ये होता है वीपीएन
वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) एक टेक्नोलाजी है। इससे डिवाइस जैसे लैपटाप, कंप्यूटर और इंटरनेट के बीच एक एन्क्रिप्टेड टनल बनाकर सिक्योरिटी और प्राइवेसी बढ़ती है। इससे आईपी एड्रेस हाइड हो जाता है। इससे वीपीएन इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की आनलाइन एक्टिविटीज को ट्रैक करना मुश्किल होता है।
ताजमहल को उड़ाने की धमकी देने वाले का नहीं लगा सुराग
एयरपोर्ट और ताजमहल को पहले भी बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं। चार अक्तूबर 2024 को भी एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी भरा मेल आया था। 24 मई को ताजमहल को उड़ाने की धमकी भरा मेल आया। इसकी जांच साइबर थाना पुलिस कर रही है। मेल आउटलुक से भेजा गया था।
ऐसे में साइबर थाना पुलिस ने आउटलुक की कंपनी माइक्रासाफ्ट से यूजन की जानकारी और आईपी एड्रेस मांगा। एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, अभी तक माइक्रोसाफ्ट की ओर से जानकारी साइबर थाना पुलिस को उपलब्ध नहीं करा गई है। इस कारण जांच प्रभावित हो रही है।
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