अब्दुल रहमान के खातों से कसेगा फंडिंग करने वाले पर शिकंजा, पुलिस अधिकारियों ने बनाई प्रश्नों की सूची
आगरा में मतांतरण गिरोह के प्रमुख अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह के खातों से पुलिस फंडिंग करने वालों पर शिकंजा कसेगी। पुलिस रिमांड मिलने के बाद अब्दुल रहमान से विस्तृत पूछताछ शुरू हो गई है। पुलिस अधिकारी प्रश्नों की सूची बनाकर गिरोह से जुड़े लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। मतांतरण गिरोह के प्रमुख चेहरे अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह के तार अन्य राज्यों से जुड़े हैं। पुलिस ने उसके बैंक खातों से संबंधित प्रपत्र जब्त किए हैं। मंगलवार काे आरोपी की न्यायालय से पुलिस रिमांड स्वीकृत होने के बाद उससे विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारियों ने अब्दुल रहमान से पूछताछ के लिए प्रश्नों की अलग-अलग सूची तैयार की है, जिससे कि उससे प्रत्येक बिंदु पर विस्तृत पूछताछ करके गिरोह से जुड़े अन्य प्रमुख लोगों तक पहुंचा जा सके।
उसके खातों में कहां-कहां से रकम भेजी गई? उसे फंडिंग करने वाले लोग कौन हैं? खातों में एक दशक के दौरान कितनी रकम आई? समेत अन्य प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करेगी।
मूलरूप से फिरोजाबाद के थाना रजावली के गांव रामगढ के रहने वाले अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह ने वर्ष 1990 में मतांतरण किया था। तीन दशक से भी अधिक समय से वह दिल्ली के सीलमपुर स्थित मुस्तफाबाद में परिवार के साथ रह रहा था।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि उसका एक भतीजा लंदन में रहता है। सामूहिक मतांतरण में वर्ष 2024 में एनआइए कोर्ट से सजा पाए मौलाना कलीम सिद्दीकी का शार्गिद होने के चलते वह मतांतरण गिरोह का प्रमुख चेहरा बन गया था।
आशंका है कि कलीम सिद्दीकी को होने वाली फंडिंग अब उसे मिलने लगी थी। चार वर्ष से वह कलीम सिद्दीकी की जगह मतांतरण कराने वाले नेटवर्क को संचालित कर रहा था। अवैध मतांतरण का पूरा नेटवर्क उसके दिशा-निर्देशों पर चल रहा था।
अब्दुल से जानकारी जुटाने के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां उसे रकम भेजने वालाें काे नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला सकती है।
रिमांड पर अब्दुल से इन प्रश्नों के उत्तर जानने का प्रयास करेगी पुलिस
- उसके किन बैंकों में कितने खाते हैं, इनमें कितनी रकम स्थानांतरित की गई?
- परिवार के सदस्यों के कितने बैंक खाते हैं, इन खातों में कितनी रकम आई?
- बैंक खातों में कहां-कहां से फंडिंग आती है, रकम भेजने वाले कौन लोग हैं?
- सर्वाधिक लेनदेन किन खाता धारकों द्वारा किया?
- फंडिंग करने वाले अब्दुल रहमान के संपर्क में कब और किसके माध्यम से आए थे?
ईडी की भी हो सकती है एंट्री
मतांतरण कराने वाले गिरोह के खातों की जांच में बड़ा लेनदेन सामने आने पर इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो सकती है। अवैध मतांतरण कराने वालों को आर्थिक मदद दी जाती थी, जिससे कि वह मतांरित होने वाले लोगों पर यह रकम खर्च कर सकें। मतांतरण से संबंधित साहित्य काे छपवाने के बाद लोगों में बंटवा सकें। इन सबकी विस्तृत जांच के लिए ईडी ही कर सकती है।
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