Heart Attack Symptoms: गले से लेकर पेट दर्द तक हो सकता है हार्ट अटैक का लक्षण, डॉक्टर ने दिए बचाव के टिप्स
आगरा में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के भाई उमेश कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, पेट दर्द के साथ बेचैनी और घबराहट होने पर तुर ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। यूपी सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य के भाई उमेश कुमार पेट दर्द होने पर शनिवार को जिला अस्पताल में परामर्श लेने के लिए पहुंचे थे। तबीयत बिगड़ी और हार्ट अटैक से मौत हो गई। अक्सर लोग पेट दर्द को गैस की समस्या मान लेते हैं। पेट दर्द के साथ बेचैनी और घबराहट होने पर डाक्टर से परामर्श लेने के बाद ही दवा लेनी चाहिए।
सीने में दर्द, जकड़न के साथ बेचैनी और घबराहट होने पर डाक्टर को दिखाएं
एसएन मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार गुप्ता ने बताया कि दिल को खून की सप्लाई करने वाली धमनी के ब्लाक होने पर इन्फीरियर वाल मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (हार्ट अटैक) पड़ता है। इसमें गले से लेकर नाभि तक पेट में दर्द महसूस हो सकता है। पेट दर्द के साथ ही बेचैनी और घबराहट भी होती है। इसके साथ ही सीने में भी दर्द हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ब्लड प्रेशर की जांच और ईसीजी करवाना चाहिए।
एसएन के हृदय रोग विशेषज्ञों को भेजी गई ईसीजी की रिपोर्ट
हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज को हब बनाया गया है। वाट्स एप ग्रुप से एसएन के हृदय रोग विशेषज्ञ के साथ ही जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को जोड़ा गया है। उमेश कुमार की तबीयत बिगड़ने पर इमरजेंसी में ईसीजी किया गया। ईसीजी की रिपोर्ट वाट्सएप ग्रुप पर डाली गई। इस पर कोई जवाब आता, उससे पहले हार्ट अटैक पड़ा और मौत हो गई।
हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण
- सीने में दर्द और जकड़न
- बेचैनी, घबराहट, चक्कर आने के साथ ही सांस लेने में परेशानी
- गले से नाभि तक दर्द, जबड़े, गर्दन से हाथ तक दर्द के साथ बेचैनी
- रक्तचाप बढ़ना
ये करें
- फास्ट फूड से बचें, वजन ज्यादा है तो चिकनाई युक्त भोजन का सेवन ना करें
- छह से आठ घंटे की नींद लें
- मोबाइल का सीमित इस्तेमाल करें
- तनाव मुक्त रहें, योग और मेडिटेशन करें
- 45 मिनट तेज चलें, एक घंटे आउटडोर गेम खेलें
हार्ट अटैक पड़ने पर ये करें
हार्ट अटैक पड़ने के बाद मरीज होश में है और सांस ले रहा है, तो उसे लिटाने की बजाय सीधा बैठाकर रखें ताकि सांस लेने में आसानी हो। एस्पिरिन (बिना कोटिंग वाली) उपलब्ध है, तो उसे चबाने के लिए दें। इससे खून पतला हो सकता है और हृदय पर दबाव कम हो सकता है। नाइट्रोग्लिसरीन (डाक्टर द्वारा पहले से बताई गई) उपलब्ध है और पीड़ित ने इसे पहले लिया हो, तो एक गोली जीभ के नीचे रख दें। बेहोश है और सांस नहीं ले पा रहा है तो सीपीआर देकर अस्पताल तक ले जा सकते हैं।

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