आगरा में हत्या के केस में समझौता नहीं किया तो किशाेर को गोलियों से भून डाला, गांव में तनाव के हालात, पुलिस फोर्स तैनात
मुकदमे में राजीनामा न करने पर गोली मारकर हत्या। आरोपित राजीनामा न करने पर जान से मारने की धमकी दे चुके थे। किशोर की हत्या से गांव में तनाव फैल गया। हत्या की जानकारी सूरज के स्वजन और ग्रामीणों को पता चलने पर आक्रोशित हो गए। गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। डीसीपी सोनम कुमार समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया।
जागरण संवाददाता,आगरा: खेरागढ़ के गांव रसूलपुर में मुकदमे में राजीनामा न करने पर किसान के 15 वर्षीय बेटे की शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई।
घटना शुक्रवार रात नौ बजे की है। रसूलपुर निवासी किसान राम प्रकाश का 15 वर्षीय पुत्र सूरजपाल घर के पीछे खेत पर शौच करने गया था। इसी दौरान गोली चलने की आवाज सुनकर स्वजन खेत की ओर भागे। वहां पर खून से लथपथ सूरज काे पड़ा देखा। उसके सीने में गोली मारी गई थी, जो पार हो गई थी। स्वजन सूरज को अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
स्वजन ने पुलिस को बताया कि दो वर्ष पहले परिवार की महिला के साथ हुई घटना में गांव के ही परशुराम और कुंवरचंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपित परिवार पर मुकदमे में राजीनामा करने का दबाव बना रहे थे। गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। ग्राम प्रधान अचल सिंह भी आरोपितों का पक्ष लेते हुए राजीनामा करने काे कह रहा था। इसे लेकर आरोपितों द्वारा सात महीने पहले परिवार के लोगों से मारपीट भी की गई थी।
धमकी के बावजूद राम प्रकाश और परिवार के लोगों ने राजीनामा नहीं किया तो आरोपित रंजिश मानने लगे। शुक्रवार रात को उन्होंने मौका देखकर सूरज पाल की हत्या कर दी।
तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज
डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया प्रारंभिक छानबीन में मुकदमे में राजीनामा नहीं करने पर किशोर की हत्या की बात सामने आई है। स्वजन ने परशुराम, कुंवरचंद, ग्राम प्रधान अचल सिंह और चोब सिंह पर आरोप लगाया है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आरोपितों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है।
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धमकी के चलते छोड़ दिया था गांव
सूरज पाल के चाचा गोपाल ने बताया कि आरोपितों की धमकी के चलते परिवार डेढ़ वर्ष पहले गांव छोड़कर चला गया था। वह खेरागढ़ चेयरमैन के कोल्ड स्टोरेज पर जाकर रहने लगा था। एक महीने पहले ही गांव में लोगों ने परिवार को घर में आकर रहने को कहा तो उसका हौसला बढ़ा। परिवार यहां आकर रहने लगा था।
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सातवीं का छात्र था सूरज
सूरज सातवीं कक्षा में पढ़ता था। वह छह भाई-बहन हैं। बहन ने पुलिस को बताया कि भाई को अकेले खेतों की ओर से जाने से मना किया था। आरोपितों की धमकी के बाद परिवार के लोग रात में घर से अकेले नहीं निकलते थे। इसीलिए सूरज घर के पीछे बने खेतों में गया था।
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