गवाहों की गैरहाजिरी पर अदालत नाराज, SHO को भेजा नोटिस और पुलिस को लगाई फटकार
गवाहों की गैरहाजिरी पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एसएचओ को नोटिस भेजा और पुलिस को फटकार लगाई। न्यायालय ने गवाहों को पेश करने में विफलता के लिए पुलिस की आलोचना की और अगली सुनवाई में गवाहों के पेश न होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया से जुड़े एक पुराने मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई है। अदालत ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए प्रसाद नगर थानाध्यक्ष को नोटिस जारी किया है और उन्हें अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
यह मामला वर्ष 2020 में प्रसाद नगर थाने में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें चंदोलिया पर एक सरकारी कर्मचारी पर हमला करने का आरोप है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में केवल एक गवाह, वीर सिंह, ही मौजूद थे।
सुनवाई के बीच प्रसाद नगर थाने के सिपाही पीके गुप्ता रिपोर्ट लेकर अदालत पहुंचे। जब अदालत ने उनसे गवाहों के अनुपस्थित रहने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि समन उन्हें सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर दिए गए थे।
अदालत ने इस तर्क को असंतोषजनक करार देते हुए कहा कि इतनी देरी से समन सौंपना न्यायिक प्रक्रिया के प्रति लापरवाही दर्शाता है। अदालत ने संबंधित थानाध्यक्ष को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
इसी दौरान गवाह कांस्टेबल सोनू ने स्वास्थ्य कारणों से पेशी से छूट की अर्जी दी थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। मगर अन्य गवाहों की अनुपस्थिति पर अदालत ने स्पष्ट नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि गवाहों की नियमित हाजिरी सुनिश्चित करना थाना पुलिस की जिम्मेदारी है।
अदालत ने कहा कि यदि भविष्य में भी ऐसी लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर के लिए तय की गई है।
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