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    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले YouTube ने उठाया बड़ा कदम, अब नहीं हटाएगा झूठे और धोखधड़ी वाले वीडियो

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Sat, 03 Jun 2023 03:48 PM (IST)

    साल 2020 और अन्य पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में व्यापक धोखाधड़ी त्रुटियों या गड़बड़ियों के झूठे दावों को आगे बढ़ाने वाली कंटेंट को अब YouTube हटाना बंद कर देगा। आइए आपको इसके बारे में डिटेल से समझाते हैं। (फाइल फोटो-जागरण)

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    YouTube will now stop removing such content for all past Presidential elections of America

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। YouTube ने 2020 में एक नीति पेश की, जिसके तहत उसने कथित मतदाता धोखाधड़ी वाली कंटेंट को हटाने का निर्णय लिया, जिसने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को प्रभावित किया। Google के स्वामित्व वाले प्लटफॉर्म YoTube ने अब घोषणा की है कि वह अब पिछले सभी राष्ट्रपति चुनावों के लिए ऐसी कंटेंट को हटाना बंद कर देगा।

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    कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि वो 2020 और अन्य पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में व्यापक धोखाधड़ी, त्रुटियों या गड़बड़ियों के झूठे दावों को आगे बढ़ाने वाली कंटेंट को हटाना बंद कर देंगे। नई नीति 2 जून को प्रभावी हुई है। आइए इसके बारे में और डिटेल से जानते हैं। 

    चुनावी गलत कंटेंट को नहीं हटाएगा YouTube

    YouTube ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि मौजूदा समय में इस कंटेंट को हटाने से कुछ गलत सूचनाओं पर अंकुश लगता है। प्लेटफॉर्म ने यह भी कहा कि अभद्र भाषा, उत्पीड़न और हिंसा के लिए उकसाने के खिलाफ उसकी बाकी नीतियां चुनाव सहित सभी यूजर्स कंटेंट पर लागू रहेंगी। बता दें, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और मेटा प्लेटफॉर्म के फेसबुक में भी चुनावों से संबंधित गलत सूचनाओं में तेजी देखी गई है।

    डोनाल्ड ट्रंप के चैनल पर लगा था प्रतिबंध

    मार्च में, YouTube ने 6 जनवरी, 2021 को घातक कैपिटल हिल दंगे के बाद दो साल से अधिक के निलंबन के बाद, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चैनल पर प्रतिबंध हटा दिया। वीडियो-स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने ट्रम्प पर 2021 में हिंसा भड़काने की अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, जब उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर धावा बोल दिया था।

    उसी महीने में, यूएस फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) ने आठ सोशल मीडिया और वीडियो स्ट्रीमिंग फर्मों को आदेश जारी किया , जिसमें मेटा प्लेटफॉर्म, ट्विटर, टिकटॉक और YouTube शामिल थे, जो इस बारे में जानकारी मांग रहे थे कि भ्रामक विज्ञापनों के लिए प्लेटफॉर्म कैसे स्क्रीन करते हैं।