Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौन हैं AI के चाइनीज 'जादूगर' Liang Wenfeng, जिसने अमेरिका के टेक दिग्गजों को हिला कर रख दिया

    Updated: Tue, 28 Jan 2025 04:23 PM (IST)

    DeepSeek एक चीनी AI फर्म है जिसने हाल ही में अपना रीजनिंग मॉडल DeepSeek R-1 और इमेज जेनरेशन मॉडल DeepSeek Janus-Pro-7B पेश किया है। R-1 मॉडल के लॉन्च के बाद से डीपसीक ग्लोबल मार्केट में तेजी से बढ़ रहा है और इसने अमेरिकी शेयर बाजार को हिला कर रख दिया है। इससे NVIDIA और Microsoft जैसी कंपनियों के शेयर गिर गए हैं।

    Hero Image
    आइए जानते हैं DeepSeek के फाउंडर लियांग वेनफ़ेंग की जर्नी के बारे में।

     टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टिम कुक (Tim Cook), एलन मस्क (Elon Musk,), सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) और लियांग वेनफ़ेंग (Wenfeng)। शुरुआत के तीन नाम आप शायद जरूर जान रहे होंगे। क्योंकि, टेक्नोलॉजी की दुनिया में ये तीन नाम अक्सर चर्चा में रहते हैं। लेकिन, चौथे और आखिरी नाम के बारे में इस वक्त पूरी दुनिया चर्चा कर रही है। क्योंकि, यही वो शख्स है, जिसने दुनिया को पावरफुल चीनी AI मॉडल DeepSeek R1 दिया है। इसने इंडस्ट्री इनसाइडर्स और एनालिस्ट को चौंका कर रख दिया है और और वॉल स्ट्रीट पर खलबली मचा दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले सोमवार यानी 20 जनवरी को लॉन्च होने के एक हफ्ते के भीतर ही ये दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। डीपसीक एपल ऐप स्टोर के डाउनलोड चार्ट में टॉप पर भी पहुंच गया है। सोमवार (27 जनवरी) को, इस चीनी जनरेटिव एआई मॉडल के कारण अमेरिकी टेक शेयरों में भी गिरावट देखी गई। सोमवार की सुबह तक Nvidia के शेयरों में 13 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। जबकि Arm और Broadcom समेत प्रतिद्वंद्वी चिप कंपनियों के शेयर गिए गए। टेक-हैवी Nasdaq क्रैश हो गया।

    लेकिन, DeepSeek के पीछे के दिमाग यानी लियांग वेनफ़ेंग के बारे में कम लोगों को ही पता है। ऐसे में हम यहां आपको इस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने दुनिया को हिला कर रख दिया।

    हेज फंड मैनेजर से लेकर एआई स्टार्ट-अप तक ऐसी है लियांग वेनफेंग की जर्नी

    लियांग वेनफेंग इंडस्ट्री में एक डार्क हॉर्स के रूप में उभरे हैं, कुछ लोग उन्हें चीन का सैम ऑल्टमैन भी कहते हैं। हालांकि, यहां तक पहुंचने के लिए उनका सफर दिलचस्प रहा है। वे 1980 के दशक में चीन के 'पांचवें दर्जे के शहर' ग्वांगडोंग में पले-बढ़े, जैसा कि उन्होंने 2024 के एक इंटरव्यू में बताया था। उनके पिता एक प्राइमरी स्कूल के टीचर थे। लियांग ने चीन के सबसे पुराने और बेस्ट रैंक वाले यूनिवर्सिटीज में से एक, झेजियांग यूनिवर्सिटी से अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की है।

    2015 में, लियांग और झेजियांग यूनिवर्सिटी के उनके दो क्लासमेट्स ने एक क्वांटिटेटिव हेज फंड, हाई-फ्लायर बनाया, जिसकी वेबसाइट पर कहा गया है कि ये 'क्वांटिटेटिव इन्वेस्टमेंट के लिए मैथमेटिक्स और AI पर निर्भर करता है'। बाद के सालों में, हेज फंड चीन में तेजी से बढ़ा और 100 बिलियन RMB (यानी 1.19 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा जुटाने वाला पहला क्वांट हेज फंड बन गया। 2021 में, यह संख्या लगभग 8 बिलियन डॉलर तक गिर गई, लेकिन हाई-फ्लायर देश के सबसे महत्वपूर्ण क्वांट हेज फंडों में से एक बना हुआ है।

    अक्टूबर 2023 तक, हाई-फ़्लायर की कीमत 550 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी। डीपसीक हाई-फ़्लायर की सहायक कंपनी है। लियांग वेनफ़ेंग की नेटवर्थ और डीपसीक की नेटवर्थ फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

    फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग उसी समय, बाइडन प्रशासन द्वारा चीन को AI चिप्स के अमेरिकी निर्यात को लिमिट करने से पहले एक साइड प्रोजेक्ट के लिए लियांग ने Nvidia से हजारों ग्राफिक प्रोसेसर खरीदना भी शुरू कर दिया था। लियांग के करीबी लोगों के मुताबिक किसी ने नहीं सोचा था कि ये कुछ खास होगा और लोगों ने इसे सिर्फ एक शौक माना था।

    लियांग के एक बिजनेस पार्टनर ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया,'जब हम पहली बार उससे मिले, तो वह एक बहुत ही नर्ड (Nerd) जैसा इंसान था, जिसका हेयरस्टाइल बहुत खराब था और वह अपने खुद के मॉडल को ट्रेन करने के लिए 10,000-चिप क्लस्टर बनाने की बात कर रहा था। उस व्यक्ति ने आगे बताया, 'हमने उसे गंभीरता से नहीं लिया,' 'वह अपने विजन को सिर्फ इतना ही कह पाया: मैं इसे बनाना चाहता हूं, और ये गेम चेंजर होगा। हमें लगा कि ये केवल ByteDance और Alibaba जैसी दिग्गज कंपनियों से ही संभव है,'।

    हालांकि, 2023 में, उन्होंने हाई-फ्लायर के एक हिस्से के तौर पर डीपसीक को लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस, या AI का एक ऐसा लेवल डेवलप करना था जो ह्यूमन इंटेलिजेंस से मेल खाता हो।

    यह भी पढ़ें- अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले बहुत कम खर्च में चीन ने बनाया चैटजीपीटी का विकल्प डीपसीक, भारत के लिए भी खुल सकती है राह

    डीपसीक का उदय

    चालीस वर्षीय लियांग व्यक्तिगत रूप से डीपसीक और इसके रिसर्च में शामिल हैं। चीनी टेक पब्लिकेशन, QBitAI से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि अपनी टीम बनाते समय, उन्होंने अनुभवी इंजीनियरों की तलाश नहीं की। इसके बजाय, उन्होंने चीन के टॉप यूनिवर्सिटीज जैसे- पेकिंग यूनिवर्सिटी और Tsinghua के पीएचडी स्टूडेंट्स से संपर्क किया। इनमें से कई को टॉप जर्नल्स में पब्लिश किया गया था और इंटरनेशनल एकेडमिक कॉन्फ्रेंस में अवॉर्ड मिला था, लेकिन इन्हें इंडस्ट्री एक्सपीरिएंस की कमी थी।

    कंपनी को 2022 में अपनी सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा जब अमेरिकी सरकार ने चीनी AI कंपनियों को Nvidia के H100 जैसे अत्याधुनिक चिप्स तक पहुंचने से रोकना शुरू कर दिया। डीपसीक को इसका सॉल्यूशन निकालना था, और उन्होंने किया।

    ये काफी इंप्रेसिव है कि लियांग ने अपने मॉडल के लेटेस्ट वर्जन को डेवलप करने में केवल $5.6 मिलियन खर्च किए। जो कि अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज अपने मॉडल पर खर्च कर रहे हैं, उसका एक केवल एक अंश है।

    यह भी पढ़ें: Explained: क्या है चीनी ऐप DeepSeek? जिससे अमेरिका के टेक दिग्गज भी हो रहे परेशान? क्या बनाता है इसे खास?