WhatsApp का इस्तेमाल हर यूजर के लिए होगा आसान, Terms और Condition में रहेगी पारदर्शिता: EU
यूजर्स को WhatsApp द्वारा पेश किए गए अपडेट्स को रिजेक्ट करने का अधिकार होगा। अगर चैटिंग ऐप द्वारा यूजर्स के लिए ऐप में कोई ऐसा अपडेट लाया जाता है जिस पर यूजर अपनी सहमति नहीं दर्ज करना चाहता तो यूजर के पास रिजेक्शन का विकल्प होगा। (फोटो- जागरण)
नई दिल्ली, टेक डेस्क। मेटा का पॉपुलर चैटिंग ऐप वॉट्सऐप यूजर्स के लिए पहले से और आसान होने जा रहा है। कंपनी ने ऐप में किसी भी नए बदलाव को लेकर पहले से ज्यादा पारदर्शी होने की बात कही है। कंपनी ने यूरोपियन यूनियन में अपनी सर्विस को बेहतर बनाने की मुहर लगाई है।
यूजर को असहमति जताने का होगा अधिकार
यूरोपियन कमिशन ने अपने एक स्टेटमेंट में साफ किया है कि वॉट्सऐप अपने यूजर्स के लिए टर्म और कंडिशन में पारदर्शिता लेकर आएगा। यहां तक कि अब यूजर्स को कंपनी द्वारा पेश किए गए अपडेट्स को रिजेक्ट करने का भी अधिकार होगा। अगर चैटिंग ऐप द्वारा यूजर्स के लिए ऐप में कोई ऐसा अपडेट लाया जाता है, जिस पर यूजर अपनी सहमति नहीं दर्ज करना चाहता तो ऐसे में यूजर के पास रिजेक्शन का विकल्प होगा।
यूजर द्वारा किसी नए अपडेट पर असहमति जताने पर कंपनी को आगे की कार्रवाही भी साफ करनी होगी। अगर अपडेट्स को अस्वीकार करने की स्थिति में वॉट्सअप यूजर की अकाउंट से जुड़ी सेवाएं प्रभावित होती हैं तो भी कंपनी को इस बारे में पहले ही जानकारी देगी।
किसी थर्ड पार्टी को नहीं शेयर किया जाता यूजर का डेटा
वॉट्सऐप ने साफ किया है कि कंपनी अपने यूजर्स का पर्सनल डेटा किसी थर्ड पार्टी से शेयर नहीं करती है। यहां तक कि मेटा की दूसरी कंपनियों जैसे कि फेसबुक तक को भी यूजर का डेटा शेयर नहीं किया जाता है।
कमिश्नर फॉर जस्टिस Didier Reynders ने इस विषय पर कहा कि, वे वॉट्सऐप के कमिटमेंट का स्वागत करते हैं, जो कहीं ना कहीं यूरोपियन यूनियन के नियमों से भी जुड़ा है। वॉट्सऐप अपने यूजर्स को किसी भी बदलाव की स्थिति में पहले सचेत करेगा।
यह दिखाता है कि कंपनी अपने यूजर्स की सहमति और असहमति का आदर करती है। उन्होंने आगे कहा कि ग्राहकों को प्लेटफॉर्म से जुड़ी सेवा को जानने और उन पर अपनी सहमति और असहमति जताने का पूरा अधिकार है।
वॉट्सऐप पर रहेगी बारिक नजर
इसके अलावा, वॉट्सऐप द्वारा किए गए कमिटमेंट को लेकर भी कंज्यूमर प्रोटेक्शन कोऑपरेशन नेटवर्क कंपनी को मॉनिटर करेगा। वॉट्सऐप द्वारा भविष्य में किसी बदलाव या नए अपडेट को लेकर अगर यूजर को सचेत नहीं किया जाता है तो इसके लिए कंपनी पर फाइन भी लगाया जा सकता है।
दरअसल हाल ही में यूरोपियन यूनियन की एक स्टडी में सामने आया था कि कई कंपनियां अपने यूजर्स को अलग ही तरीके से डील करती हैं। कंपनियां डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करती है, जहां सर्विस को सब्सक्राइब बहुत आसान होता है।
वहीं दूसरी ओर, सर्विस को किसी स्थिति में अनसब्सक्राइब करना मुश्किल होता है। इसी कड़ी में वॉट्सऐप को भी यूरोपियन कंज्यूमर ऑरग्नाइजेशन द्वारा पहला अलर्ट बीते साल जनवरी में भेजा गया था। यह वॉट्सऐप की अपडेट्स से जुड़ा था।