इंटरनेट ऑफ थिंग्स से ऐसे बदल जाएगी हमारी जिंदगी, स्मार्ट तकनीक की मदद से चुटकियों में होगा घर का सारा काम
Internet of Things अक्सर आपने कई जगहों पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्निकल टर्म के बारे में सुना होगा। ये टेक्नोलॉजी आने वाले समय में हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रही है। आइए आपको इसके बारे में और डिटेल से बताते हैं। (फाइल फोटो-जागरण)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक्नोलॉजी की दुनिया में लगातार कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से हमारी जिंदगी काफी आसान बनती जा रही है। इसी कड़ी में आज हम आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स (What is Internet of Things) के बारे में बताने वाले हैं। ये टेक्नोलॉजी आने वाले समय में हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रही है।
इस नई टेक्नोलॉजी को लेकर कई रिसर्च और एक्सपेरिमेंट किये जा रहे हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स आने के बाद हमारी जिंदगी में कई कई मायनों में बदल जाएगी। अक्सर आपने कई जगहों पर इस टेक्निकल टर्म के बारे में सुना होगा। हालांकि, ये तकनीक काम कैसे करती है? आज हम इसके बारे में बताने वाले हैं।
क्या होता है इंटरनेट ऑफ थिंग्स?
IOT का पूरा नाम इंटरनेट ऑफ थिंग्स है। इसका इस्तेमाल सेंसर , सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की मदद से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स के द्वारा हम डिवाइस को इंटरनेट की सहायता से एक्सेस कर सकते हैं और उन्हें कंट्रोल कर सकते हैं। IoT का इस्तेमाल आर्गेनाइजेशन और इंडस्ट्री में काम में तेजी लाने के लिए किया जाता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स से बदल जाएगी पूरी तस्वीर
इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्नोलॉजी का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है। इसमें सभी गैजेट्स एक साथ जुड़कर एक दूसरे को डाटा ट्रांसफर करते हैं, जिससे सभी डिवाइस के बीच इंटीग्रेशन आता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स आने के बाद भविष्य में ऐसे स्मार्ट घर होंगे, जिनमें सभी डिवाइस एक दूसरे के साथ इंटरकनेक्ट रहेंगे।
मान लीजिए आप बिना टीवी और दरवाजे को बंद किये घर से बाहर जाते हैं तो स्मार्ट घर का जो कम्बाइन आर्टिफिशियल ब्रेन होगा। वह इस चीज को सेंस करके अपने आप घर के दरवाजे और टीवी को बंद कर देगा। घर का जो कम्बाइन आर्टिफिशियल ब्रेन होगा। वह इस चीज को सेंस करके अपने आप घर के दरवाजे और टीवी को बंद कर देगा। इस बात की जानकारी आपके फोन पर भी आ जाएगी।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नुकसान
IOT का सबसे बड़ा नुकसान यही है की इसमें सिक्योरिटी यानी सुरक्षा का अभाव देखने को मिल सकता है। यानी यहां यूजर का डेटा पूरी तरह सिक्योर नहीं होगा। IOT से जुड़े डिवाइस को हैक किया जा सकता है। जिसके कारण हैकर्स यूजर के डेटा को आसानी से चुरा सकते हैं और उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
IOT में टेक्नोलॉजी को डेवलप और डिजाइन करना काफी मुश्किल है। इस नई टेक्नोलॉजी को मेनटेन करना भी काफी मुश्किल है। आज के समय में लगभग हर एक व्यक्ति IOT डिवाइस पर पूरी तरह से निर्भर हो चूका है। यानी इंसान इन डिवाइस के बिना किसी काम को नहीं कर सकता है। जो आने वाले समय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स का भविष्य?
आपको बता दें कि इस वक्त दुनिया भर में करीब 1200 करोड़ उपकरण इस के अंतर्गत आते हैं। वहीं कई रिपोर्टों का दावा है कि आने वाले समय से ये संख्या इस समय की संख्या से 26 गुना बढ़ जाएगी। इसके अलावा आईओटी यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का ग्लोबल बाजार मूल्य 2020 तक 7. 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इन आकड़ों से आसानी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में इस तकनीक की कितनी मांग होने वाली है।
IOT के अंतर्गत आने वाली डिवाइस
इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से आप सिक्योरिटी, गार्डनिंग, म्यूजिक, ऑटोमोबाइल, किचन सभी डिवाइसेज को एक-साथ कनेक्ट कर के कई काम कर सकते हैं।
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