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कैसे बना सकते है इंटरनेट आफ थिंग्स में कैरियर, दुनिया भर में दिनोंदिन बढ़ रही डिमांड; अवसरों का खुला आसमान

भारत समेत दुनिया भर में इनदिनों इंटरनेट से कनेक्टेड डिवाइसेज यानी इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। घरों में मैनुअल उपकरणों की जगह पर अब लोग फुली आटोमैटिक फ्रिज वाशिंग मशीन लाइटिंग सीसीटीवी कैमरे आदि को अधिक महत्‍व दे रहे हैं

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 03:22 PM (IST)
इनदिनों इंटरनेट से कनेक्टेड डिवाइसेज यानी इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

नई दिल्ली, भूपिंदर राजपूत। भारत समेत दुनिया भर में इनदिनों इंटरनेट से कनेक्टेड डिवाइसेज यानी इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। घरों में मैनुअल उपकरणों की जगह पर अब लोग फुली आटोमैटिक फ्रिज, वाशिंग मशीन, लाइटिंग, सीसीटीवी कैमरे आदि को अधिक महत्‍व दे रहे हैं, जो इंटरनेट और वाईफाई की मदद से ऑपरेट होते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले समय में लोगों के रहन-सहन को आसान बनाने वाले ऐसे आइओटी उपकरणों की संख्‍या और ज्‍यादा बढ़ेगी, जिससे करियर के नये मौके भी सामने आएंगे। आइये जानें, तेजी से बढ़ते हुए फील्ड में आप भी कैसे अपना करियर संवार सकते हैं...........

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इंटरनेट आफ थिंग्स आप सभी के लिए हो सकता है एक नया शब्द हो, लेकिन कहीं न कहीं हम सब आज इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उदहारण के रूप में स्मार्ट वाच, स्मार्ट टीवी या स्मार्ट एसी जैसी चीजें हमारे सामने हैं यानी हर वो चीज जो इंटरनेट से जुड़ सके, वह इंटरनेट आफ थिंग्‍स है। इसकी मदद से हम अपनी कार को भी इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं और उसका फ्यूल मीटर, स्पीड, लोकेशन आदि को डिटेक्ट कर सकते हैं।

इस तकनीक की मदद के जरिये हम अपने मोबाइल से घर/आफिस की लाइटें, सेंसर वाले सीसीटीवी कैमरे और सभी विद्यदुत उपकरणों को भी चला और बंद कर सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा देशभर में स्माार्ट सिटी, स्मार्ट होम तथा स्मार्ट हेल्थ जैसी कल्‍याणकारी योजनाओ पर विशेष जोर दिए जाने से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आइओटी से कनेक्‍टेड और भी बहुत सी चीजें हमें देखने को मिलेंगी। कुल मिलाकर, आइओटी तकनीक वाले आटोमेटिक उपकरण हमारी जिंदगी को आसान बनाने के साथ-साथ करियर के नये रास्ते भी खोल रहे हैं।

तेजी से बढ़ रही उपयोगिता

स्‍टैटिस्‍टाडाटकॉम के मुताबिक, 2018 के अंत तक पूरे विश्व में लगभग 22 बिलियन उपकरण आइओटी तकनीक से जुड़े हुए थे। वर्तमान में अकेले भारत में इसका कारोबार 381 बिलियन डालर के लगभग है। साथ ही, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक दुनिया में आइओटी से जुड़े हुए उपकरणों की संख्‍या बढ़कर 50 बिलियन तक पहुंच जाएगी। हाल ही के दिनों में भारत में कई विदेशी कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने में अपनी रुचि दिखाई है, जिनमें सैमसंग, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट से लेकर एपल तक शामिल हैं। ऐसे में आने वालो वर्षों में आइओटी का मार्केट निश्चित रूप से बहुत तेजी से बढ़ने वाला है। इन कंपनियों द्वारा भारत में संयंत्र लगाने से देश के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर भी मिलेंगे।

करियर संभावनाएं

आने वाले समय में युवाओं के लिए इस फील्‍ड में कई रूपों में करियर के मौके सामने आएंगे। ऐसा इसलिए कि यह तकनीक हमारे लिए काफी सुविधाजनक है। यही कारण है कि आइओटी सक्षम उपकरणों का इस्‍तेमाल तकरीबन हर फील्‍ड में होने लगा है, जिससे हर काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इसीलिए आइओटी के जानकारों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। आप भी आइओटी डोमेन में अपनी कुशलता बढ़ाकर आइओटी एक्‍सपर्ट के अलावा, डाटा साइंटिस्ट, नेटवर्क प्रोफेशनल, सिक्‍युरिटी एक्‍सपर्ट या एंबेडेड प्रोग्राम इंजीनियर के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं। फिलहाल, अभी ऐसे प्रोफेशनल्‍स की सबसे ज्‍यादा डिमांड गूगल, पीडब्ल्यूसी, लार्सन एंड टैब्रो, टीसीएस, एसेंचर, सिस्को, पीटीसी तथा साइंस सॉफ्ट जैसी कंपनियों में हैं, जिन्‍हें हमेशा आइओटी टैलेंट की तलाश रहती है।

कोर्स एवं शैक्षिक योग्‍यताएं

आइओटी में करियर बनाने के लिए बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स/ कम्युनिकेशन/इलेक्ट्रिकल/मेकेट्रानिक्‍स, बीटेक इन एंबेडेड सिस्‍टम्‍स, एमटेक इन वीएलएसआइ के अलावा बीसीए और एमसीए बैकग्राउंड होना चाहिए। ऐसे युवाओं के लिए आइओटी एक बेहतर फील्ड हो सकता है। इसके अलावा, आइओटी फील्ड में कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज जैसे कि सी, सीप्लसप्लस, पाइथन भी आना जरूरी है। एंबेडेड सिस्टम, चिप बोर्ड बनाना या उनमें प्रोग्रामिंग करना,वीएलएसआइ जैसे सब्जेक्ट्स पर भी आपकी पकड़ होनी चाहिए। अगर आपको लिनक्‍स ओएस अच्‍छे से आता है, तो यह आपको बहुत मदद करेगा। इसके अलावा,आपमें समस्या को सुलझाने की क्षमता भी होनी चाहिए।

आकर्षक सैलरी

एक आइओटी प्रोफेशनल की सैलरी भारत में बहुत से फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे कि जॉब रोल, लोकेशन, कंपनी, क्वालिफिकेशन और आपकी वर्क एक्सपीरियंस आदि। एक सैलरी स्‍टडी रिपोर्ट के अनुसार, एक सामान्‍य आइटी प्रोफेशनल की तुलना में आइओटी एक्‍सपर्ट की सैलरी 70 से 75 फीसद ज्‍यादा होती है। वैसे, सामान्‍य तौर पर एक अनुभवी आइटोटी प्रोफेशनल को 25 लाख रुपये सालाना तक पैकेज मिल रहा है। जो इस फील्ड में नये हैं या फ्रेशर्स हैं, उनका सैलरी पैकेज भी छह लाख रुपये के लगभग या फिर इससे ज्यादा होता है।

भूपिंदर राजपूत (टेक एक्सपर्ट एवं फाउंडर टेक्निकल गुफ्तगू)

प्रमुख संस्‍थान

आइआइटी, खड़गपुर, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, मद्रास, गुवाहाटी, रुड़की

www.iit.ac.in

इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, बेंगलुरु

www.iisc.ernet.in

नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, नई दिल्ली

www.nsit.ac.in

एनआइईटी, ग्रेटर नोएडा

https://www.niet.co.in/

बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस (बिट्स), पिलानी

www. bits-pilani.ac.in

पसंद की पढ़ाई संग बढ़ें आगे

एनआइईटी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रमन बत्रा ने बताया कि देश में नयी शिक्षा नीति ऐसे समय में लागू हुई है, जब केंद्र सरकार की पहल पर देश में स्मार्ट सिटी बनाने की योजना गति पकड़ रही है। स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट होम और स्मार्ट आफिस का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आइओटी में कुशल युवाओं की मांग बढ़ना स्वाभाविक है। अच्छी बात यह है कि सरकार उन संस्थानों को प्रोत्साहित कर रही है, जहां युवाओं को आटोनोमस कोर्स के तहत अपने पसंद की पढ़ाई करने का सुअवसर मिल रहा है। इतना ही नहीं, एआइसीटीई ने देश के चुनिंदा 20 इंजीनियरिंग कालेजों को हिंदी सहित छह स्थानीय भाषाओं में कोर्स चलाने की अनुमति देकर युवाओं की तकनीकी शिक्षा की राह और आसान कर दी है।


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